
वित्त मंत्री अरुण जेटली. (फाइल तस्वीर)
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन स्कीम में कई बदलाव किए हैं. सरकार ने अपना योगदान 10 फीसद से बढ़ाकर 14 फीसद करने का फैसला किया है. इसके साथ ही यह तय किया गया है कि एनपीएस का पूरा 60 फीसदी भाग निकालने पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. बता दें, अभी तक कर्मचारी की ओर से इस स्कीम में 10 प्रतिशत का योगदान दिया जाता था, वहीं सरकार भी 10 फीसदी का योगदान करती थी. अब बड़ा बदलाव यह किया गया है कि कर्मचारी को तो 10 प्रतिशत ही योगदान देना होगा लेकिन सरकार 10 के बदले 14 प्रतिशत का योगदान देगी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसका एलान सोमवार को किया.
केन्द्रीय मंत्रिमंडल की पिछले सप्ताह हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया. फैसले के मुताबिक एनपीएस में केन्द्र सरकार के योगदान को बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया जायेगा. योजना के तहत कर्मचारी का न्यूनतम योगदान उसके मूल वेतन का 10 प्रतिशत होता है. जेटली ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘कर्मचारियों के व्यापक हित में यह बदलाव किया गया है.'' एनपीएस में सरकार के योगदान में की गई वृद्धि से सरकारी खजाने पर 2019- 20 में 2,840 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. एनपीएस के तहत कर्मचारी सेवानिवृत्ति के समय कुल जमा कोष में से 60 प्रतिशत राशि निकालने का पात्र है. शेष 40 प्रतिशत जुड़ी राशि पेंशन योजना में चली जाती है.
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वित्त मंत्री ने कहा कि योजना से बाहर होते समय निकाली जाने वाली 60 प्रतिशत राशि को कर मुक्त कर दिया गया है. इसके साथ ही एक तरह से पूरी राशि की निकासी कर मुक्त हो गई है. एनपीएस के अंशधारक को योजना में जमा राशि में से सेवानिवृति के समय 60 प्रतिशत राशि की निकासी में से 40 प्रतिशत कर मुक्त थी जबकि शेष 20 प्रतिशत पर कर लिया जाता है. बहरहाल, अब पूरी 60 प्रतिशत निकासी को कर मुक्त कर दिया गया है. यह व्यवस्था सभी वर्ग के कर्मचारियों के लिये की गई है. लंबे समय से यह मांग की जा रही थी कि एनपीएस को भी ई-ई-ई यानी अंशदान पर-निवेश-प्रतिफल और निकासी तीनों स्तर पर कर में छूट हो जैसा कि कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) और लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) योजनाओं के मामले में है.
कर्मचारी जो योगदान देते हैं वह 80सी में कवर होगा. कर्मचारी को निवेश का जो दो विकल्प दिया जाता था जिसमें एक इक्विटी का भी था, अब वह दोनों स्कीम में कभी भी चेंज कर सकेंगे. अभी नेशनल पेंशन स्कीम के तहत 18 लाख कर्मचारी लाभार्थी हैं.
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केन्द्रीय मंत्रिमंडल की पिछले सप्ताह हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया. फैसले के मुताबिक एनपीएस में केन्द्र सरकार के योगदान को बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया जायेगा. योजना के तहत कर्मचारी का न्यूनतम योगदान उसके मूल वेतन का 10 प्रतिशत होता है. जेटली ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘कर्मचारियों के व्यापक हित में यह बदलाव किया गया है.'' एनपीएस में सरकार के योगदान में की गई वृद्धि से सरकारी खजाने पर 2019- 20 में 2,840 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. एनपीएस के तहत कर्मचारी सेवानिवृत्ति के समय कुल जमा कोष में से 60 प्रतिशत राशि निकालने का पात्र है. शेष 40 प्रतिशत जुड़ी राशि पेंशन योजना में चली जाती है.
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कर्मचारी जो योगदान देते हैं वह 80सी में कवर होगा. कर्मचारी को निवेश का जो दो विकल्प दिया जाता था जिसमें एक इक्विटी का भी था, अब वह दोनों स्कीम में कभी भी चेंज कर सकेंगे. अभी नेशनल पेंशन स्कीम के तहत 18 लाख कर्मचारी लाभार्थी हैं.
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