
सीसीटीवी फुटेज
ठाणे:
महाराष्ट्र के ठाणे में एक तेंदुए और उसके बच्चे ने यहां एक पालतू कुत्ते को मार दिया। घटना ठाणे जिले के उपनगरीय इलाके में एक बंगले की है। 42 किलो के कोको नाम के कुत्ते को बंगले के अंदर ही कैनाल से बाहर लाया गया और फिर तेंदुआ उसे पकड़कर ले गया।
कोको की हड्डियां आदि कुछ ही दिन बाद यहां पास के ही संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान से बरामद किए गए। वीडियो में मादा तेंदुए को दबे पांव कुत्ते के कैनाल की तरफ बढ़ते हुए देखा जा सकता है। कोको के लिए कुछ दिन पहले की उसी की एक गलती भारी पड़ गई। दरअसल कोको ने कुछ दिन पहले ही रात में मक्खियों आदि से तंग आकर अपने कैनाल का दरवाजा तोड़ दिया था।
तेंदुए के दबे पांव आगे बढ़ने के बाद क्या हुआ यह सीसीटीवी फुटेज में कैद नहीं हुआ, क्योंकि उसके बाद वह अंधेर में और कैमरे के फ्रेम से बाहर चली गई। कोको की मालकिन आरती गुप्ता ने बताया कि तेंदुए ने हमारे कुत्ते को कैनाल से बाहर निकाला और घर की पीछे की तरफ से बाहर निकल गया और फिर जंगल में गायब हो गया।' आरती ने अपने बंगले की करीब 8 फीट ऊंची दीवार पर तेंदुए के पैरों के निशान भी दिखाए। तेंदुए के बच्चे को बंगले में इधर-उधर घूमते हुए देखा जा सकता है और आखिरकार सुबह करीब 3 बजे बंगले से बाहर निकल गया।
श्रीमति गुप्ता का कहना है कि उनका परिवार अगले दो दिन तक कोको को इसी उम्मीद में ढूंढ़ता रहा कि हो सकता है वो कहीं घूमता हुआ मिल जाए। उन्होंने कहा, फिर हमने सीसीटीवी फुटेज देखी और ये देखकर दंग रह गए की कैसे बाड़ रहित जंगल से तेंदुआ उनके इलाके में आसानी से आ सकता है।

तेंदुए के दबे पांव आगे बढ़ने के बाद क्या हुआ यह सीसीटीवी फुटेज में कैद नहीं हुआ, क्योंकि उसके बाद वह अंधेर में और कैमरे के फ्रेम से बाहर चली गई। कोको की मालकिन आरती गुप्ता ने बताया कि तेंदुए ने हमारे कुत्ते को कैनाल से बाहर निकाला और घर की पीछे की तरफ से बाहर निकल गया और फिर जंगल में गायब हो गया।' आरती ने अपने बंगले की करीब 8 फीट ऊंची दीवार पर तेंदुए के पैरों के निशान भी दिखाए। तेंदुए के बच्चे को बंगले में इधर-उधर घूमते हुए देखा जा सकता है और आखिरकार सुबह करीब 3 बजे बंगले से बाहर निकल गया।
श्रीमति गुप्ता का कहना है कि उनका परिवार अगले दो दिन तक कोको को इसी उम्मीद में ढूंढ़ता रहा कि हो सकता है वो कहीं घूमता हुआ मिल जाए। उन्होंने कहा, फिर हमने सीसीटीवी फुटेज देखी और ये देखकर दंग रह गए की कैसे बाड़ रहित जंगल से तेंदुआ उनके इलाके में आसानी से आ सकता है।