गाजियाबाद:
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक अदालत ने शुक्रवार को बहुचर्चित भविष्य निधि (पीएफ) घोटाले की सुनवाई को 14 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी। गाजियाबाद अदालत के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के भविष्य निधि खातों से करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गई थी। न्यायधीश एके सिंह ने रविदास जयंती के मौके पर गाजियाबाद बार एसोसिएशन की ओर से बंद के आह्वान की वजह से मामले की सुनवाई 14 मार्च तक लिए स्थगित कर दी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2001 से 2007 के बीच गाजियाबाद जिला अदालत के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के भविष्य निधि खातों से गलत तरीके से 6.58 करोड़ रुपये की निकासी की गई थी। इस घोटाले का खुलासा उस समय हुआ था, जब सीबीआई अदालत की विशेष न्यायाधीश रमा जैन ने 15 फरवरी 2008 को कवि नगर पुलिस थाने में 70 लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराया था। मुकदमे में हालांकि किसी न्यायाधीश का नाम शामिल नहीं था। मामले के मुख्य आरोपी आशुतोष अस्थाना की 18 नवम्बर, 2009 को डासना जेल में रहस्यमय परिस्थतियों में मौत हो गई थी। अस्थाना ने सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय और जिला अदालतों के 36 न्यायधीशों को मामले में आरोपी बताया था। सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई को इनमें से केवल छह के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी, जो कि अब सेवानिवृत हो चुके हैं।
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सीबीआई, पीएफ, घोटाला, 14 मार्च