सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने दीपावली के दौरान पटाखों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने से साफ इनकार कर दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह ऐसा आदेश नहीं दे सकती जिसका पालन न किया जा सके। उसने इस संबंध में पुरानी गाइड लाइन को ही मानने के आदेश जारी किए हैं। इसके तहत वर्ष 2005 में सुप्रीम कोर्ट ने रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच रोक लगाई थी।
लोग कह सकते हैं, हम बाहर क्यों जाएं
अदालत ने कहा कि हम लोगों को पटाखे जलाने के लिए नेहरू मैदान जाने को नहीं कह सकते। लोग अपने घरों में पटाखे जलाना चाहते हैं, वो कह सकते हैं कि हम बाहर क्यों जाएं। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र पर नाराजगी जताते हुए कहा कि 16 अक्टूबर को आदेश के बावजूद अभी तक पटाखों को लेकर प्रचार शुरू क्यों नहीं किया गया। केंद्र को ये पहले से ही ये करना चाहिए था। केंद्र सरकार अब 31 अक्टूबर से इस बारे में प्रचार शुरू करे।
इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में मांग की गई थी कि पटाखों के लिए दिवाली और चार दिन की ही इजाजत हो। इसके साथ ही पटाखे चलाने के लिए कोई स्थान निर्धारित हो और उसके लिए शाम शाम सात से नौ बजे जैसा वक्त हो। मामले में अब फरवरी में सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने दीपावली के दौरान पटाखों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने से साफ इनकार कर दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह ऐसा आदेश नहीं दे सकती जिसका पालन न किया जा सके। उसने इस संबंध में पुरानी गाइड लाइन को ही मानने के आदेश जारी किए हैं। इसके तहत वर्ष 2005 में सुप्रीम कोर्ट ने रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच रोक लगाई थी।
लोग कह सकते हैं, हम बाहर क्यों जाएं
अदालत ने कहा कि हम लोगों को पटाखे जलाने के लिए नेहरू मैदान जाने को नहीं कह सकते। लोग अपने घरों में पटाखे जलाना चाहते हैं, वो कह सकते हैं कि हम बाहर क्यों जाएं। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र पर नाराजगी जताते हुए कहा कि 16 अक्टूबर को आदेश के बावजूद अभी तक पटाखों को लेकर प्रचार शुरू क्यों नहीं किया गया। केंद्र को ये पहले से ही ये करना चाहिए था। केंद्र सरकार अब 31 अक्टूबर से इस बारे में प्रचार शुरू करे।
इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में मांग की गई थी कि पटाखों के लिए दिवाली और चार दिन की ही इजाजत हो। इसके साथ ही पटाखे चलाने के लिए कोई स्थान निर्धारित हो और उसके लिए शाम शाम सात से नौ बजे जैसा वक्त हो। मामले में अब फरवरी में सुनवाई होगी।
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