
प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
कैग की रिपोर्ट में अंतरिक्ष विभाग को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अंतरिक्ष विभाग ने11 साल में 2 करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च करने के बाद भी अपने लिए सॉफ्टवेयर नहीं बना पाया है. गौरतलब है कि विभाग को अपनी डिजिटल कार्यवाहक प्रणाली के लिए इस सॉफ्टवेयर को विकसित करना था. प्रतिवेदन रिपोर्ट में कैग ने परियोजना के कार्यान्वयन और समुचित निगरानी में विफलता को इसकी वजह बताया है. रिपोर्ट के अनुसार अंतरिक्ष विभाग ने अपने प्रशासन, वित्त, वेतन-पत्रक, खरीद और स्टोर कार्यों के कंप्यूटरीकरण के लिए‘प्रशासनिक क्षेत्र में कंप्यूटरीकृत कार्य’ नामक एक आंतरिक पैकेज विकसित किया और वर्ष 2002 के बाद इसका अपने सभी केन्द्रों में चरणबद्ध तरीके से परिचालन किया.
यह भी पढ़ें: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने PMO पर लगाया 5000 रुपये का हर्जाना, जानें क्या है पूरा मामला
परियोजना के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने और निगरानी के लिए अप्रैल 2006 में एक अंतरकेन्द्र समिति का गठन किया गया. परियोजना के विभिन्न चरणों में काम की गति को धीमा बताते हुए कैग ने इसके अंतर्गत तैयार किए जाने वाले कई मॉड्यूल विकसित करने में देरी की बात भी की है.
VIDEO: 80 फीसदी छात्र भी नहीं पढ़ पाते हैं हिन्दी.
रिपोर्ट के अनुसार, परियोजना में कार्यरत विभिन्न टीमों ने कहा कि आंतरिक विशेषज्ञता के अभाव, समर्पित विकास दल की तैनाती नहीं होना और कार्यप्रवाह आवश्यकताओं के लिए डोमेन विशेषज्ञों की पहचान नहीं किए जाने के कारण परियोजना की प्रगति बाधित रही है. कैग के अनुसार इन्ही वजहों से मार्च 2017 तक विभाग सॉफ्टवेयर तैयार नहीं कर सका है.
यह भी पढ़ें: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने PMO पर लगाया 5000 रुपये का हर्जाना, जानें क्या है पूरा मामला
परियोजना के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने और निगरानी के लिए अप्रैल 2006 में एक अंतरकेन्द्र समिति का गठन किया गया. परियोजना के विभिन्न चरणों में काम की गति को धीमा बताते हुए कैग ने इसके अंतर्गत तैयार किए जाने वाले कई मॉड्यूल विकसित करने में देरी की बात भी की है.
VIDEO: 80 फीसदी छात्र भी नहीं पढ़ पाते हैं हिन्दी.
रिपोर्ट के अनुसार, परियोजना में कार्यरत विभिन्न टीमों ने कहा कि आंतरिक विशेषज्ञता के अभाव, समर्पित विकास दल की तैनाती नहीं होना और कार्यप्रवाह आवश्यकताओं के लिए डोमेन विशेषज्ञों की पहचान नहीं किए जाने के कारण परियोजना की प्रगति बाधित रही है. कैग के अनुसार इन्ही वजहों से मार्च 2017 तक विभाग सॉफ्टवेयर तैयार नहीं कर सका है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं