यह ख़बर 28 अक्टूबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

कैबिनेट विस्तार में आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल को तवज्जो

खास बातें

  • मनमोहन मंत्रिमंडल में रविवार को सात कैबिनेट मंत्री और 15 राज्य मंत्री शामिल हुए, जिसमें आंध्र प्रदेश से सबसे अधिक पांच मंत्रियों को स्थान दिया गया है, जबकि पश्चिम बंगाल से तीन को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मंत्रिपरिषद में रविवार को सात कैबिनेट मंत्री और 15 राज्य मंत्री शामिल हुए, जिसमें आंध्र प्रदेश से सबसे अधिक पांच मंत्रियों को स्थान दिया गया है, जबकि पश्चिम बंगाल से तीन को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।

आंध्र प्रदेश से फिल्मों से राजनीति में आए चिरंजीवी को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है, जबकि एस सत्यनारायण, केजे रेडडी, पी बलराम नाइक और किल्ली कृपारानी को राज्य मंत्रियों के रूप में मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया है।

कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल से तीन नेताओं को केंद्रीय मंत्री बनाकर राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस पर चौतरफा हमले का संकेत दे दिया है। अधीर रंजन चौधरी और दीपा दासमुंशी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कड़े आलोचक माने जाते हैं। उल्लेखनीय है कि तृणमूल ने दो महीने पहले ही यूपीए सरकार से नाता तोड़ा है। चौधरी और दीपा के अलावा एएच खान चौधरी को भी मंत्री बनाया गया है।

मंत्रिमंडल के विस्तार के क्रम में के रहमान खान (कर्नाटक) और चंद्रेश कुमारी कटोच (हिमाचल प्रदेश) को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। पांच राज्य मंत्रियों- दिनशा पटेल, एमएम पल्लम राजू, हरीश रावत, अजय माकन और अश्वनी कुमार को तरक्की देकर कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी (पंजाब) को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है।

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शशि थरूर (केरल) ने राज्य मंत्री के रूप में दो साल बाद मंत्रिपरिषद में वापसी की है। केरल से के सुरेश को भी मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया है और राज्य मंत्री बनाया गया है। विस्तार में 12 नए राज्य मंत्रियों ने शपथ ली, जिसमें महाराष्ट्र से तारिक अनवर, राजस्थान से लालचंद कटारिया, असम से रानी नाराह और अरुणाचल प्रदेश से निनांग एरिंग शामिल हैं।