मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने सोमवार को बुल्ली बाई ऐप केस (Bulli Bai App Case) के सिलसिले में गिरफ्तार तीनों आरोपियों की जमानत अर्जी का विरोध किया. पुलिस ने कहा कि ‘‘प्रारंभिक जांच में पता चला है कि बुल्ली बाई ऐप के अलावा ये गिरफ्तार आरोपी जुलाई 2021 की सुल्ली डील्स ऐप केस (Sulli Deals App Case) में भी सक्रिय थे और इस संबंध में और जांच किए जाने की आवश्यकता है.''
मुंबई क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने बुल्ली बाई ऐप मामले में विशाल कुमार झा, श्वेता सिंह और मयंक रावत की जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए मुंबई की एक अदालत के समक्ष दाखिल अपने जवाब में कहा कि प्रारंभिक जांच के अनुसार, आरोपियों ने नीरज बिश्नोई की मदद से अपराध को अंजाम दिया, जो बुल्ली बाई ऐप का निर्माता है और उसे दिल्ली ने गिरफ्तार किया था.
अदालत ने आरोपियों के वकीलों की दलीलें सुनीं और जमानत याचिकाओं पर आगे की सुनवाई मंगलवार के लिए स्थगित कर दी.
पुलिस ने सोमवार को अदालत से आरोपियों की जमानत याचिकाएं खारिज करने का अनुरोध किया और तर्क दिया कि आरोपी रिहा होने के बाद भाग सकते हैं या सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं.
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सुनवाई के दौरान पुलिस ने कहा कि एक पुलिस टीम को दो और आरोपियों को हिरासत में लेने के लिए दिल्ली भेजा गया है. एक अन्य आरोपी नीरज बिश्नोई को दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज एक अन्य बुल्ली बाई ऐप मामले में गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा एक अन्य आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर को ‘सुल्ली डील्स' ऐप मामले में गिरफ्तार किया गया है.
उसने कहा, ‘‘आरोपी सोशल मीडिया पर अत्यधिक सक्रिय थे और ऐसी सामग्रियां पोस्ट कर रहे थे, जिससे समाज में शांति भंग होने का खतरा था.''
इससे पहले, दिल्ली की एक अदालत ने ठाकुर और बिश्नोई की जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया था.
वीडियो: क्या है बुल्ली बाई ऐप, कैसे करता है ये काम ?-साइबर एक्सपर्ट ने बताया
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