ब्रह्मोस मिसाइल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
हाल ही में नौसेना में शामिल हुए आईएनएस कोच्ची युद्धपोत से रविवार को ब्रह्मोस मिसाइल का टेस्ट फायर किया गया और यह सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल अपने परीक्षण में पूरी तरह सफल रही। 30 सितंबर को यह युद्धपोत सेना में शामिल हुआ है। फायरिंग अरब सागर के पश्चिमी तट पर की गई। अरब सागर में सेवामुक्त किया जा चुका एक जहाज इसका लक्ष्य था। मिसाइल ने अपने टॉरगेट को पूरी तरह से हिट किया।
अहम बात यह है कि जहां युद्धपोत देश में ही बना है वहीं यह मिसाइल भारत और रूस ने मिलकर बनाई है। इसकी रेंज 290 किलोमीटर है। युद्धपोत से युद्धपोत पर मार करने वाली ऐसी मिसाइल नौसेना के दस युद्धपोतों में लगी हैं। नौसेना के पास जमीन से हवा में मार करने वाली बराक के बाद यह सबसे घातक मिसाइल है जिसका कोई तोड़ दुनिया में किसी भी मुल्क के पास नहीं है। ध्वनि की गति से दोगुनी से भी ज्यादा रफ्तार से चलने वाली ब्रह्मोस मिसाइल का यह 49 वां सफल परीक्षण है। नौसेना के आईएनएस कोच्ची का ऑपरेशल की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है ।
परियोजना 15 ए 'कोलकाता श्रेणी' के दूसरे गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर ने देश के पश्चिमी तट पर चल रहे नौसेना के अभ्यास के दौरान 'स्वीकृति परीक्षण' के हिस्से के तौर पर आधुनिक मिसाइल प्रणाली का परीक्षण किया।
रक्षा अधिकारियों ने बताया कि दुनिया के सबसे तेज क्रूज मिसाइल ने उच्चस्तरीय और बेहद जटिल कौशल दिखाने के बाद सफलतापूर्वक सेवामुक्त किए जा चुके जहाज 'एलेप्पी' को भेद दिया। यह जहाज मिसाइल की पूर्ण मारक क्षमता के लगभग बराबर दूरी पर था।
ब्रह्मोस एयरोस्पेस सीईओ और प्रबंध निदेशक सुधीर मिश्रा ने कहा, 'ब्रह्मोस लंबी दूरी के नौसेना के सतह पर लक्ष्यों को शामिल कर प्रमुख हमलावर हथियार के तौर पर युद्धक जहाज की अपराजेयता को सुनिश्चित करेगा और इस प्रकार विनाशक जहाज को भारतीय नौसेना का एक और खतरनाक प्लेटफॉर्म बनाता है।'
अहम बात यह है कि जहां युद्धपोत देश में ही बना है वहीं यह मिसाइल भारत और रूस ने मिलकर बनाई है। इसकी रेंज 290 किलोमीटर है। युद्धपोत से युद्धपोत पर मार करने वाली ऐसी मिसाइल नौसेना के दस युद्धपोतों में लगी हैं। नौसेना के पास जमीन से हवा में मार करने वाली बराक के बाद यह सबसे घातक मिसाइल है जिसका कोई तोड़ दुनिया में किसी भी मुल्क के पास नहीं है। ध्वनि की गति से दोगुनी से भी ज्यादा रफ्तार से चलने वाली ब्रह्मोस मिसाइल का यह 49 वां सफल परीक्षण है। नौसेना के आईएनएस कोच्ची का ऑपरेशल की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है ।
आईएनएस कोच्ची
परियोजना 15 ए 'कोलकाता श्रेणी' के दूसरे गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर ने देश के पश्चिमी तट पर चल रहे नौसेना के अभ्यास के दौरान 'स्वीकृति परीक्षण' के हिस्से के तौर पर आधुनिक मिसाइल प्रणाली का परीक्षण किया।
रक्षा अधिकारियों ने बताया कि दुनिया के सबसे तेज क्रूज मिसाइल ने उच्चस्तरीय और बेहद जटिल कौशल दिखाने के बाद सफलतापूर्वक सेवामुक्त किए जा चुके जहाज 'एलेप्पी' को भेद दिया। यह जहाज मिसाइल की पूर्ण मारक क्षमता के लगभग बराबर दूरी पर था।
ब्रह्मोस एयरोस्पेस सीईओ और प्रबंध निदेशक सुधीर मिश्रा ने कहा, 'ब्रह्मोस लंबी दूरी के नौसेना के सतह पर लक्ष्यों को शामिल कर प्रमुख हमलावर हथियार के तौर पर युद्धक जहाज की अपराजेयता को सुनिश्चित करेगा और इस प्रकार विनाशक जहाज को भारतीय नौसेना का एक और खतरनाक प्लेटफॉर्म बनाता है।'
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