यह ख़बर 22 फ़रवरी, 2014 को प्रकाशित हुई थी

भ्रष्टाचार के खिलाफ राहुल गांधी के प्रयास 'ईमानदार' नहीं हैं : भाजपा

नई दिल्ली:

भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने वाले छह विधेयकों को संसद से पारित कराने में विपक्ष द्वारा सहयोग नहीं किए जाने के राहुल गांधी के आरोप को खारिज करते हुए भाजपा ने कहा है कि इसके खिलाफ कांग्रेस उपाध्यक्ष पिछले 10 साल में एक शब्द नहीं बोले और भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम में शामिल होने की उनकी दावेदारी ईमानदार नहीं है।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने कहा, भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम में राहुल सबसे देर से शामिल हुए हैं। पिछले 10 साल से संप्रग शासन भ्रष्टाचार का शिकार रहा है और इतने सालों में वह इस संबंध में एक शब्द नहीं बोले, लेकिन अब वह दावा पेश कर रहे हैं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का मुद्दा उनका (कांग्रेस) है।

लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने इसमें जोड़ते हुए कहा, राहुल न सिर्फ भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में देर से शामिल हुए हैं, बल्कि अपने प्रयासों में वह 'ईमानदार' भी नहीं हैं।

अरुण जेटली और सुषमा स्वराज ने शुक्रवार को संपन्न हुए संसद के शीतकालीन सत्र के बाद शनिवार को संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में सवालों के जवाब में संसद में भ्रष्टाचार निरोधी अन्य विधेयक पारित नहीं हो सकने के लिए कांग्रेस और यूपीए सरकार को दोषी ठहराया। सुषमा ने कहा कि संसद में हंगामा सत्तारूढ़ दल के सदस्यों ने किया...ये कांग्रेस और उसका नेतृत्व है, जो अपने सांसदों पर नियंत्रण खो चुका है।


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