मुस्लिम शौहर एवं बीबी के बीच वोट बैंक बनाने की कोशिश न करे बीजेपी : गुलाम नबी आजाद

मुस्लिम शौहर एवं बीबी के बीच वोट बैंक बनाने की कोशिश न करे बीजेपी :  गुलाम नबी आजाद

कांग्रेस ने बीजेपी पर ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया है (फाइल फोटो)

खास बातें

  • PM ने ट्रिपल तलाक पर मुस्लिम बुद्धिजीवियों को आगे आने की अपील की थी
  • कांग्रेस ने प्रधानमंत्री की अपील को कोरी राजनीति करार दिया है
  • गुलाम नबी आजाद ने बीजेपी पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीन तलाक मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने कहा कि भाजपा को मुस्लिम पति-पत्नी के बीच इस मुद्दे को लेकर वोट बैंक कायम करने की कोशिश से बाज आना चाहिए. तीन तलाक मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करने की नसीहत देने के लिए बीजेपी आड़े हाथ लते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि भाजपा जिस तीन तलाक का राजनीतिकरण कर रही है, उसे कोई सही नहीं कह सकता है. कुरान में तलाक की एक बहुत लंबी प्रक्रिया है.

उन्होंने कहा, ‘हजारों सालों से हमारा देश और समाज बन रहा है. इसमें कुछ गलत बातें आती रहती हैं जैसे सती प्रथा. समाज स्वयं इनको दूर करता है. इस्लाम में भी समय के साथ कुछ तब्दीलियां आई हैं. इसे लेकर समाज में सोच-विचार चल रहा है. जो अच्छी और इस्लाम के अनुरूप चीजें हैं वे रहेंगी और जो बुरी हैं वे समय के साथ धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगी.’

आजाद ने कहा, ‘जब समाज इस पर पहले से ही चर्चा कर रहा है, मुद्दा अदालत के समक्ष विचाराधीन है तो ऐसे में भाजपा को बेकार में मुस्लिम शौहर एवं बीबी के बीच में नया वोट बैंक बनाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.’ 

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने कहा है कि इसका राजनीतिकरण मत करिये. मैं कहना चाहूंगा कि स्वयं प्रधानमंत्री ही राजनीतिकरण करने के सबसे बड़े चैंपियन हैं, शुरूआत उन्होंने की हैं. यह कहना भी इस मामले का राजनीतिकरण मत कीजिये, स्वयं मामले का राजनीतिकरण करना है.’
 
आजाद ने कहा, ‘इस मुद्दे का राजनीतिकरण कौन कर रहा है. इस बारे में आपने अन्नाद्रमुक, द्रमुक, जदयू, बीजद, सपा, बसपा या कांग्रेस के किसी नेता से कोई बात सुनी है क्या, हिन्दुस्तान में इतनी पार्टी और नेता हैं, किसी एक का नाम ले दीजिए जिसने इस मामले में पहल की हो.’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से लेकर भाजपा के नेता और आरएसएस के कार्यकर्ता 24 घंटे चुनाव से पहले से ही इस एजेंडा का राजनीतिकरण कर रहे थे. सबसे पहले तो  प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर लोगों को नसीहत नहीं देनी चाहिए. कांग्रेस नेता ने कहा कि कोई भी मुसलमान कुरान में कही गई बात से अलग नहीं जा सकता. चलते-फिरते तीन तलाक देने की बात को कोई भी मुसलमान अच्छा नहीं मानता और मान भी नहीं सकता. यह शरीयत, कुरान और इस्लाम के खिलाफ है.

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने मुस्लिमों से अपील की कि वे तीन तलाक को राजनीतिक नजरिये से नहीं देखें और विश्वास जताया कि इस प्रथा को खत्म करने के प्रयासों का नेतृत्व समुदाय के प्रबुद्ध सदस्य करेंगे.

उन्होंने कहा, ‘मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि तीन तलाक के मुद्दे को राजनीतिक नजरिये से नहीं देखें. आगे आएं और समाधान ढूंढें. उस समाधान का अपना गौरव होगा और पीढ़ियां आपको याद करेंगी.’ मोदी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि समाज से शक्तिशाली लोग उभरेंगे और इस पुरातन प्रथा को समाप्त करने में मदद करेंगे और आधुनिक व्यवस्था विकसित करेंगे.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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