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This Article is From Sep 25, 2013

दोषी नेताओं के बचाव वाले अध्यादेश पर हस्ताक्षर न करें राष्ट्रपति : बीजेपी

दोषी नेताओं के बचाव वाले अध्यादेश पर हस्ताक्षर न करें राष्ट्रपति : बीजेपी
सुषमा स्वराज की फाइल तस्वीर
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से दोषी ठहराए गए सांसदों को तत्काल अयोग्य ठहराए जाने के खतरे से बचाने संबंधी 'असंवैधानिक' अध्यादेश पर हस्ताक्षर नहीं करने की अपील की।

लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने ट्विटर पर लिखा कि उनकी पार्टी केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर किए गए अध्यादेश के खिलाफ है और "हम राष्ट्रपति से इस अध्यादेश पर हस्ताक्षर नहीं करने का अनुरोध करते हैं।" उन्होंने लिखा है, राष्ट्रपति उस अध्यादेश पर हस्ताक्षर करने के लिए बाध्य नहीं हैं, जो असंवैधानिक है।

इससे पहले पार्टी प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि कहीं सत्तारूढ़ दल के करीबी कुछ नेताओं को बचाने के लिए तो यह अध्यादेश नहीं लाया गया है। बीजेपी प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने कहा, सरकार यह अध्यादेश क्यों लाई है... क्यों उसे एक कार्यकारी आदेश के माध्यम से इसे लाने की जल्दी है... इस अध्यादेश को लाने के पीछे कुछ दूसरी मंशा है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उस अध्यादेश को मंजूरी दे दी है, जो सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को निष्प्रभावी बना देगा कि दोषी ठहराए गए सांसद या विधायकों की अपील अगर ऊपरी अदालतों में लंबित हैं, तो भी वे दोषी ठहराए जाने के तत्काल बाद ही अयोग्य हो जाएंगे।

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, कांग्रेस ने इस कार्यकारी आदेश को लाने में असाधारण दिलचस्पी दिखाई। जिस सरकार ने नीतिगत पंगुता का परिचय दिया, वही यह कर रही है। बीजेपी नेताओं का मानना है कि सरकार ने इसलिए अध्यादेश का रास्ता चुना है, क्योंकि यूपीए के सहयोगी आरजेडी के नेता लालू प्रसाद यादव प्रभावित होंगे और उसकी वजह है कि चारा घोटाला में 30 सितंबर को फैसला आ सकता है। इसके अलावा, कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य रशीद मसूद एमबीबीएस प्रवेश घोटाले में दोषी पाए गए हैं।

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