
नई दिल्ली:
संसद के 22 नवंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस द्वारा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने को लेकर जहां विपक्षी राजग और वाम दलों ने अपने पत्ते अभी नहीं खोले हैं, वहीं सरकार ने बहुमत का विश्वास जताते हुए कहा कि जरूरत पड़ने पर वह संसद में इसे साबित करने को तैयार है।
राजग ने खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के फैसले के खिलाफ सरकार के खिलाफ संसद में ऐसा प्रस्ताव पेश करने का फैसला किया है, जिसमें मत विभाजन का प्रावधान हो। एफडीआई पर सरकार के फैसले के खिलाफ राष्ट्रव्यापी बंद का समर्थन कर रहे सभी राजनीतिक दलों से राजग ने अपील की है कि वे संसद में उसके प्रस्ताव का समर्थन करें। ममता से दूरी न बने इसलिए राजग ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर भी अपने विकल्प खुले रखे हैं।
तृणमूल के अविश्वास प्रस्ताव को लेकर अभी अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है हालांकि ममता ने अपने प्रयास में वाम दलों का सहयोग लेने से भी परहेज नहीं किया है। ममता ने कहा कि यदि माकपा चाहे तो वह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए और तृणमूल उसका समर्थन करेगी।
उधर, लोकसभा में नेता सदन और केन्द्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिन्दे ने कहा कि सरकार को कोई भय नहीं है और उसके पास बहुमत है। शिन्दे ने सभी राजनीतिक दलों से संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलने देने की अपील की।
संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने भी कहा कि सरकार के पास अपेक्षित बहुमत है और जरूरत पड़ने पर वह इसे साबित करने को तैयार है।
राजग ने खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के फैसले के खिलाफ सरकार के खिलाफ संसद में ऐसा प्रस्ताव पेश करने का फैसला किया है, जिसमें मत विभाजन का प्रावधान हो। एफडीआई पर सरकार के फैसले के खिलाफ राष्ट्रव्यापी बंद का समर्थन कर रहे सभी राजनीतिक दलों से राजग ने अपील की है कि वे संसद में उसके प्रस्ताव का समर्थन करें। ममता से दूरी न बने इसलिए राजग ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर भी अपने विकल्प खुले रखे हैं।
तृणमूल के अविश्वास प्रस्ताव को लेकर अभी अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है हालांकि ममता ने अपने प्रयास में वाम दलों का सहयोग लेने से भी परहेज नहीं किया है। ममता ने कहा कि यदि माकपा चाहे तो वह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए और तृणमूल उसका समर्थन करेगी।
उधर, लोकसभा में नेता सदन और केन्द्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिन्दे ने कहा कि सरकार को कोई भय नहीं है और उसके पास बहुमत है। शिन्दे ने सभी राजनीतिक दलों से संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलने देने की अपील की।
संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने भी कहा कि सरकार के पास अपेक्षित बहुमत है और जरूरत पड़ने पर वह इसे साबित करने को तैयार है।
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