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This Article is From May 09, 2020

मजदूरों के रेल किराये को लेकर 'भिड़े' दिल्ली-बिहार, नीतीश के मंत्री बोले- कोरोना के समय भी इतनी ओछी राजनीति...

संजय कुमार झा ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को टैग करते हुए लिखे ट्वीट में कहा, "श्रीमान अरविंद केजरीवाल जी!

मजदूरों के रेल किराये को लेकर 'भिड़े' दिल्ली-बिहार, नीतीश के मंत्री बोले- कोरोना के समय भी इतनी ओछी राजनीति...
दिल्ली से मुजफ्फरपुर श्रमिक ट्रेन के किराये को लेकर दिल्ली-बिहार आमने-सामने (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

कोरोनावायरस (Coronavirus) से लड़ने के लिए देश में जारी लॉकडाउन (Lockdown) के बीच दूसरों राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके मूल राज्य में ले जाने का काम चल रहा है. इसे लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चल रहा है. दिल्ली से मुजफ्फरपुर आने वाली ट्रेन के किराये को लेकर दिल्ली और बिहार आमने-सामने आ गए हैं. बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया है.

संजय कुमार झा ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को टैग करते हुए लिखे ट्वीट में कहा, "श्रीमान 
अरविंद केजरीवाल जी! झूठ के साथ समस्या यही है कि आप भूल जाते हैं कि कब क्या बोल चुके हैं? अब देखिए न, आपके मंत्री गोपाल राय ट्विटर पर सफेद झूठ बोल रहे हैं कि दिल्ली से मुजफ्फरपुर आनेवाली ट्रेन का किराया आपकी सरकार देगी, फिर चिट्ठी भेजकर हमसे पैसे भी मांगते हैं. झा ने अपने ट्वीट में एक पत्र भी साझा किया है. 

उन्होंने आगे कहा, "बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही साफ कर चुके हैं कि हम श्रमिकों को भाड़े की रकम के अलावा 500 रुपए अतिरिक्त भी देंगे, तो दिनदहाड़े दिल्ली सरकार के मंत्री झूठ क्यों बोल रहे हैं? यह तो नीतिगत बात है, लेकिन आप #Covid_19 के समय भी इतनी ओछी राजनीति करें, शोभा नहीं देता."

इससे पहले दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने अपने ट्वीट में कहा था, "श्रमिकों को लेकर दिल्ली से मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार के लिए रवाना हुई ट्रेन। ट्रेन में सवार सभी 1200 लोगों का किराया देगी अरविंद केजरीवाल सरकार."

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने लिखा- "यह तो केजरीवाल सरकार की अलग कहानी चल रही है ...ट्वीट करके वाहवाही लूटते हैं कि टिकट के पैसे केजरीवाल सरकार देगी  और चिट्ठी भेजकर बिहार सरकार से पैसे मांगते हैं." 

वहीं, आम पार्टी के नेताओं का कहना हैं कि इस मामले में बिहार सरकार कह रही है कि 8 मई को मजदूरों से टिकट का पैसा रेलवे ले ले और 9 मई को जब मजदूर मुजफ्फरपुर पहुंचेंगे तो उनको पैसा हम लौटा देंगे. गंभीर सवाल यह है कि लॉक डाउन में फंसे हुए मजदूर पैसा कहां से देंगे? और उससे भी बड़ा सवाल यह है कि अगर बिहार सरकार 9 मई को पैसा देने की स्थिति में है तो फिर 8 मई को क्यों नहीं दे सकती? आखिर क्यों मजदूरों की जेब से पैसा निकलवाना चाहती है बिहार सरकार? इसी बात पर दिल्ली सरकार ने मजदूरों के टिकट का पैसा रेलवे को देकर अपने नंबर बनाये, और बिहार सरकार ने इस प्रस्ताव पर जवाब तक ना दे कर अपनी किरकिरी कराने का मौका दिया बिहार सरकार को चाहिए कि तुरंत दिल्ली सरकार को पैसा लौटाए और कह दे कि हमें किसी का एहसान नहीं चाहिए.

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