बिहार : नीतीश भी चुनावी मोड में आए, कहा- जब तक ज़िंदा रहूंगा चंपारण की सेवा करता रहूंगा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्चुअल कार्यकर्ता सम्मेलन को सम्बोधित किया, नौ अगस्त को पूरे बिहार में दो करोड़ 51 लाख पौधे लगाने का ऐलान

बिहार : नीतीश भी चुनावी मोड में आए, कहा- जब तक ज़िंदा रहूंगा चंपारण की सेवा करता रहूंगा

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो).

पटना:

बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कोरोना संकट के बाद भले राज्य की जनता को एक बार भी संबोधित नहीं किया और ना एक संवाददाता सम्मेलन करने की ज़रूरत समझी लेकिन चुनाव सर पर हैं तो उन्होंने रविवार से वर्चुअल कार्यकर्ता सम्मेलन को सम्बोधित करना शुरू कर दिया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी और मधुबनी के सभी कार्यकताओं, बूथ अध्यक्षों, बूथ सचिवों को "वर्चुअल सम्मेलन" के माध्यम से संबोधित कर विकास पर चर्चा की. नीतीश कुमार ने अपने सम्बोधन में अपनी उपलब्धियां गिनाईं. उन्होंने कहा कि ''चम्पारण से मेरा आत्मीय लगाव है इसलिए जब तक जिंदा रहूंगा तब तक चंपारण की सेवा करुंगा. इसी कारण से मैं जो भी कार्यक्रम की शुरुआत करता हूं, वह चम्पारण से ही करता हूं.''

नीतीश कुमार ने कहा कि 9 अगस्त को पूरे बिहार में दो करोड़ 51 लाख पौधे लगाए जाएंगे. आम नागरिकों के लिए शिकायत  के लिए बिहार सरकार ने "लोक शिकायत निवारण" की व्यवस्था की  है. उन्होंने बताया कि हर गांव को शहर से जोड़ने का काम तेजी से जारी है. उन्होंने बताया कि पूरे भारत में 2018 तक अपराध का आंकड़ा 383.5 औसत एक लाख की आबादी पर था. वहीं बिहार में एक लाख आबादी पर औसत 222.1 था. आज देश में बिहार 23 वें स्थान पर है. 

उन्होंने बताया कि 20 लाख से अधिक कामगारों को अन्य प्रदेशों से लाया गया है. साथ ही कहा कि 2006 फरवरी तक एक प्रथामिक स्वास्थ केंद्र पर औसत 39 मरीज इलाज कराते थे आज औसत 10,000 मरीज इलाज कराते हैं. बिहार में 2005 से पहले लॉ एंड ऑर्डर की क्या स्थिति थी, और जब से सरकार बनी है, आज बिहार में लॉ एंड ऑर्डर की क्या स्थिति है, आप सबसे छिपी नहीं है. सन 2006 में बिहार में टीकाकरण दर सिर्फ 18% थी, अब 86% है.

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हालांकि नीतीश ने अपने कार्यकर्ताओं को साफ़ किया कि पूर्व के चुनावों में जैसी बड़ी रैलियां होती थीं, हेलीकॉप्टर से चुनाव अभियान पर जाते थे, अब वो बात नहीं रहेगी. इसलिए बदली हुई परिस्थितियों में डिजिटल माध्यम का ही प्रयोग ज़्यादा होगा. उन्होंने प्रवासी श्रमिकों के बारे में भी अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में विस्तृत रूप में जानकारी दी और कहा कि जहां एक व्यक्ति पर सौ रुपये का ख़र्चा हो रहा था वहीं राज्य सरकार ने अब तक 8500 करोड़ से अधिक लोगों के खाते में सीधे ट्रांसफर किया है.