Bihar Assembly Elections: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गए हैं. इसकी झलक अब उनके हर सरकारी कार्यक्रम में मिलती दिख रही है, जहां नीतीश अपने हर भाषण के दौरान कुछ ना कुछ नई घोषणाएं करते हैं. सोमवार को उन्होंने शिक्षा विभाग के एक कार्यक्रम में जहां शिक्षकों के लिए ‘नियोजित‘ शब्द के प्रयोग पर आपत्ति जताई, वहीं लाखों शिक्षकों को भरोसा दिलाया कि भविष्य में भी उनका वेतन बढ़ता रहेगा इसके अलावा उन्होंने स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के मदद से पढ़ाई कर रहे छात्रों को उन्होंने भरोसा दिलाया कि ऋण माफ़ कर देंगे.
नीतीश सोमवार को राज्य के सभी पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय के संचालन के लिए बने भवनों का उद्घाटन कर रहे थे. नीतीश ने स्वतंत्रता दिवस के दिन नियोजित शिक्षकों के बढ़े वेतनमान की घोषणा की थी, आज उन्होंने इन शिक्षकों के नियोजित कहे जाने ओर विरोध के मद्देनज़र अपने भाषण में कहा कि वो भी इस शब्द के इस्तेमाल के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि 'ये शिक्षक वैसे ही हैं जैसे अन्य शिक्षक' और उन्हें भरोसा दिलाया कि भविष्य में उनका वेतनमान ऐसे ही बढ़ता रहेगा. चुनाव में इन शिक्षकों के अहम भूमिका के मद्देनज़र नीतीश के इस वादे से एनडीए के नेता राहत की सांस ले रहे हैं.
यह भी पढ़ें: बिहार विधानसभा चुनाव 2020: RJD की मांग- हर वोटर का कराया जाए इंश्योरेंस
इसके अलावा नीतीश ने सबको याद दिलाया कि कोरोना काल में शिक्षा विभाग के माध्यम से विभिन्न स्कीम जैसे यूनिफॉर्म, साइकिल, छात्रवृति और मध्यान्ह भोजन के तहत अब तक 2,832 करोड़ से अधिक ट्रांसफर किया गया है. उन्होंने यह भी याद दिलाया कि जब 2005 में सत्ता में आए थे तो शिक्षा विभाग का बजट मात्र 4,366 करोड़ था जो बढ़कर अब 35,191 करोड़ हो गया है और यह राज्य के कुल बजट का 20% है.
हालांकि, अपने सरकार के खिलाफ मीडिया में खबरें दिखाए और छापे जाने पर नीतीश का दर्द इस कार्यक्रम में भी झलका जब उन्होंने कहा कि सही बात कोई सामने नहीं रखता है लेकिन जहां वो काम करने की कोशिश करते हैं वहीं कुछ लोग प्रचारित करते हैं लेकिन उन्हें कोई समस्या नहीं हैं क्योंकि लोकतंत्र में जनता मालिक है.
Video: बिहार में साथ चुनाव लड़ेंगे बीजेपी-जेडीयू और एलजेपी: जेपी नड्डा
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं