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This Article is From Mar 23, 2018

लिथियम आयन बैटरी बनाने के लिये भेल ने किया इसरो के साथ समझौता

समझौते के तहत कंपनी इस प्रौद्योगिकी के जरिये अंतरिक्ष स्तर के विभिन्न क्षमता के सेल (बैटरी) का विनिर्माण करेगी.

लिथियम आयन बैटरी बनाने के लिये भेल ने किया इसरो के साथ समझौता
(प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली: बिजली उपकरण बनाने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भेल ने विभिन्न क्षमता की लिथियम आयन बैटरी के विनिर्माण के लिये भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौता किया है. समझौते के तहत कंपनी इस प्रौद्योगिकी के जरिये अंतरिक्ष स्तर के विभिन्न क्षमता के सेल (बैटरी) का विनिर्माण करेगी. यह कंपनी के कारोबार का दायरा बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है. लिथियम आयन बैटरी विनिर्माण से जुड़ी प्रौद्योगिकी का विकास इसरो ने अपने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में किया है.

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भेल ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि समझौते पर भेल के निदेशक (इंजीनियरिंग, अनुसंधान एवं विकास) तथा विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के निदेशक एस सोमनाथ ने हस्ताक्षर किये. इस मौके पर अंतरिक्ष विभाग के सचिव तथा इसरो के चेयरमैन डा. के सिवन तथा भेल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अतुल सोबती समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.

इसरो अब तक अंतरिक्ष स्तर के लिथियम आयन सेल विदेशी कंपनियों से लेती है. भेल इसरो के उपग्रहों तथा प्रक्षेपण यानों के लिये आयातित सेल से अंतरिक्ष स्तर के लिथियम आयन बैटरी का एसेंबल करती और उसका परीक्षण करती है. इस प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण से भेल लिथियम आयन बैटरी इसरो तथा अन्य संबंधित कंपनियों के लिये बना सकेगी. लिथियम आयन प्रौद्योगिकी का उपयोग ऊर्जा भंडारण तथा इलेक्ट्रिक वाहनों में किया जा सकता है. भेल इस बैटरी के विनिर्माण के लिये बेंगलुरू के कारखाने में आधुनिक संयंत्र लगाएगी.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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