नेशनल हेराल्ड हाउस केस: दिल्ली HC की सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती, दो हफ्ते में खाली करने का था आदेश

21 दिसंबर को हेराल्ड हाउस केस मामले में सोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को बड़ा झटका लगा था. दिल्ली हाईकोर्ट ने नेशनल हेराल्ड अखबार के 56 साल पुराने दफ्तर हेराल्ड हाउस को दो सप्ताह के भीतर खाली करने का निर्देश दिया था.

नेशनल हेराल्ड हाउस केस: दिल्ली HC की सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती, दो हफ्ते में खाली करने का था आदेश

दो सप्ताह में भवन खाली करने के आदेश थे.

खास बातें

  • सिंगल बेंच ने दिया था दो हफ्ते में खाली करने का आदेश
  • डबल बेंच में लगाई गई है याचिका
  • याचिका पर 9 जनवरी को सुनवाई हो सकती है
नई दिल्ली:

नेशनल हेराल्ड मामले (National Herald Case)में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) ने सिंगल बेंच के आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) की डबल बेंच में चुनौती दी है. सिंगल बेंच ने दो हफ्ते में हेराल्ड हाउस (Herald House) खाली करने का आदेश दिया था. डबल बेंच में लगाई गई याचिका में 21 दिसंबर के फैसले पर तुरंत रोक लगाने की मांग की गई है. साथ ही याचिका में कहा गया है कि न्याय के हित में इमारत खाली करने के आदेश पर रोक लगाना जरूरी है. रोक नहीं लगी तो ये कभी न पूरा होने वाला नुकसान होगा. एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की याचिका पर 9 जनवरी को सुनवाई हो सकती है. 

21 दिसंबर को हेराल्ड हाउस केस मामले में सोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को बड़ा झटका लगा था. दिल्ली हाईकोर्ट ने नेशनल हेराल्ड अखबार के 56 साल पुराने दफ्तर हेराल्ड हाउस को दो सप्ताह के भीतर खाली करने का निर्देश दिया था. यह इमारत राजधानी दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग के प्रेस एरिया में स्थित है. जस्टिस सुनील गौड़ ने कांग्रेस के समाचार पत्र नेशनल हेराल्ड के प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को दो सप्ताह के भीतर हेराल्ड हाउस को खाली करने को कहा था. साथ ही कहा गया था कि तय समय के अंदर अगर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड बिल्डिंग खाली नहीं करती है तो उस पर कार्रवाई होगी.

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गौरतलब है कि केंद्रीय शहरी मंत्रालय ने आईटीओ स्थित हेराल्ड हाउस को 30 अक्टूबर को खाली करने का आदेश दिया था, जिसके खिलाफ एजेएल ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. भूमि और विकास कार्यालय ने हेराल्ड हाउस की 56 साल पहले की लीज को रद्द कर दिया था. मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी थी कि इस भवन से 2008 के बाद से नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन नहीं हो रहा है. मेहता ने कोर्ट में कहा था कि साल 2016 में जब भवन का निरीक्षण कर नोटिस जारी किया गया, तब नेशनल हेराल्ड का फिर से प्रकाशन शुरू किया गया था. 

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