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बोडो और गैर-बोडो समुदायों के बीच जारी हिंसा में 41 लोगों की जानें जा चुकी हैं। हिंसा के चलते लोग अपने-अपने घरों को छोड़ कर भाग रहे हैं। करीब डेढ़ लाख लोग बेघर हो गए हैं।
19 जुलाई से शुरू हुई इस सामुदायिक हिंसा के चलते करीब डेढ़ लाख लोग बेघर हो गए हैं। केंद्र ने जातीय संघर्ष को रोकने के लिए अर्धसैनिक बल के 1500 और जवानों को रवाना किया है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुख्यमंत्री तरुण गोगोई को निर्देश दिया है कि हिंसा पर नियंत्रण के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं।
बोडोलैंड टेरिटोरियल एरियाज डिस्ट्रिक्ट (बीटैड) के पुलिस महानिरीक्षक एसएन सिंह ने बताया कि कोकराझार के रामपुर और चापरकाटा क्षेत्रों में हिंसा में शामिल चार लोग मंगलवार सुबह पुलिस की गोलीबारी में मारे गए। कोकराझार और चिरांग जिले से सात और शवों को बरामद किया गया है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई को निर्देश दिया कि वह हिंसा पर काबू पाने के लिए हरसंभव कदम उठाएं।
यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम ने भी गोगोई से बातचीत की। केंद्रीय गृहसचिव आरके सिंह ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, हमने 29 कंपनियों को रवाना किया है। 14 कंपनियों को सोमवार को और 15 कंपनियों को मंगलवार को भेजा गया।
शरारती तत्वों ने कोकराझार जिले के गोसाईगांव में गुवाहाटी जा रही राजधानी एक्सप्रेस पर हमला किया और चार डिब्बों को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसमें किसी के घायल होने की कोई खबर नहीं है। ट्रेन को वापस लाया गया और पश्चिम बंगाल से लगते कामाख्यागुड़ी स्टेशन पर रोका गया। बोडोलैंड टेरीटोरियल काउंसिल के प्रमुख एच मोहिलारी ने प्रभावित जिलों के पास अंतरराष्ट्रीय एवं अंतरराज्यीय सीमाओं को सील करने की मांग की है।
ट्रेन सेवा बाधित होने से 20 हजार से अधिक यात्री विभिन्न स्थानों पर फंसे हैं। रेलमंत्री मुकुल राय ने चिदंबरम और गोगोई का ध्यान तनावपूर्ण स्थिति की ओर दिलाया और अनुरोध किया है कि राज्य में ट्रेनों के सुरक्षित एवं सुगम संचालन के लिए सहायता मुहैया कराई जाए।
(इनपुट भाषा से भी)
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