नागरिकता कानून को लेकर हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को चुनौती दी है. उन्होंने गुरुवार को कहा कि सीएए पर किसी विपक्ष के नेता से बहस से बेहतर है कि इस दाढ़ी वाले से बहस के लिए तैयार हों. ओवैसी ने यह बात करीमनगर में एक रैली को संबोधित करते हुए की. बता दें कि इससे पहले अमित शाह ने लखनऊ में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि सीएए को वापस नहीं लिया जाएगा और जो प्रदर्शन कर रहें है वे करते रहें. मैं विपक्षी दलों के नेताओं को इस कानून पर सार्वजनिक बहस की चुनौती भी देता हूं. शाह ने विपक्ष पर सीएए के खिलाफ लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और मायावती को सार्वजनिक तौर पर इस पर बहस करने की चुनौती दी थी. अमित शाह की चुनौती पर प्रतिक्रिया देते हुए औवेसी ने कहा कि मैं यहां हूं, मेरे साथ बहस करें.इन लोगों के साथ क्यों बहस करनी है. जो बहस करना है वो दाढ़ी वाले से करो ना. हम सीएए, एनपीआर और एनआरसी पर बहस और बात करेंगे. इस दौरान एआईएमआईएम प्रमुख ने केन्द्रीय बजट की ‘हलवा' रस्म का जिक्र करते हुए भाजपा पर स्थानों का नाम बदलने को लेकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भाजपा ने कहा है कि वह नाम बदलेंगे. मैं उनसे पूछना चाहूंगा कि ‘हलवा' शब्द कहां से आया है? यह अरबी शब्द है. यह हिंदी या उर्दू शब्द नहीं है. अब अरबी शब्द भी हटा दें.
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बता दें कि यह कोई पहली बार नहीं है जब असदुद्दीन ओवैसी ने अमित शाह पर निशाना साधा हो. इससे पहले नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) और नेशनल रजिस्ट्रर ऑफ सिटिजन्स (NRC) के खिलाफ विरोध जताने वाले AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर करारा जवाब दिया था. राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) का विरोध करते हुए न्यूज एजेंसी एएनआई से ओवैसी ने कहा था कि गृहमंत्री देश को गुमराह क्यों कर रहे हैं? संसद में उन्होंने कहा था कि ओवैसी जी एनआरसी पूरे देश में लागू होगा. अमित शाह साहब, जब तक सूरज पूरब से उगता रहेगा हम सच कहते रहेंगे. एनपीआर एनआरसी की ओर पहला कदम है.''
बता दें कि ओवैसी ने कहा था कि यह NRC का ही दूसरा नाम है. ओवैसी के इस बयान पर गृह मंत्री अमित शाह ने एएनआई को दिए इंटरव्यू में तंज कसा. अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि अगर हम कहेंगे कि सूरज पूरब में उगता है तो वो कहेंगे कि नहीं...नहीं यह पश्चिम में होता है. ये उनका स्टैंड होता है और इस पर मुझे कोई आश्चर्य नहीं है. फिर भी मैं उन्हें भरोसा दिलाता हूं कि इसका NRC से कोई लेना-देना नहीं है, ये बहुत अलग तरह की प्रक्रिया है.
ओवैसी ने इससे पहले कहा था कि NPR भारतीय नागरिकों की राष्ट्रीय पंजी (रजिस्टर) की ओर पहला कदम है, जो राष्ट्रव्यापी NRC का ही दूसरा नाम है. NPR और NRC के बीच ताल्लुक को समझना अहम है. ओवैसी ने कहा, 'NPR भारत में रहने वाले सभी 'सामान्य निवासियों' का इकट्ठा किया आंकड़ा है. वर्ष 2003 के नागरिकता नियमों के मुताबिक, नागरिकों को गैर-नागरिकों से अलग करने के बाद भारतीय नागरिकों की राष्ट्रीय पंजी पेश की जानी है. यह छंटनी कैसे की जाती है?''
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बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा कि मैं आज स्पष्ट रूप से बता रहा हूं कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के बीच कोई संबंध नहीं है. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पूरे देश में NRC को लेकर अभी चर्चा करने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इस पर अभी तक कोई विचार-विमर्श नहीं हुआ है. पीएम मोदी (PM Modi) सही थे, इसे लेकर अब तक न तो मंत्रिमंडल में कोई चर्चा हुई है और न हीं संसद में.
Video: NPR और NRC को लेकर ओवैसी को अमित शाह ने दिया जवाब
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