बिना एसी के घर में अरविंद केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल की फाइल फोटो

नई दिल्‍ली : सिविल लाइंस के 6 फ्लैग स्टॉफ रोड पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस सप्ताह के अंत या अगले सप्ताह के शुरूआत में रहने लगेंगे। चार बेडरूम वाले इस सरकारी घर में आजकल एक पोटा केबिन भी तैयार हो रहा है जहां एक साथ 300 लोग बैठ सकते हैं। लेकिन इस बार मुख्यमंत्री का घऱ 6 एसी के चलते खबरों की सुर्खियों में है। दिल्ली के मुख्यमंत्री इन एसी को हटाना चाहते हैं।

हालांकि पीडब्ल्यूडी के लोग उन्हें समझा रहे हैं कि अगर ये एसी हटे तो इनके स्पेस भरने के लिए मरम्मत के काम में देरी हो सकती है। खुद पीडब्ल्यूडी मंत्री सतेंद्र जैन का कहना है कि वो इन एसी को हटाने के पक्ष में नहीं हैं लेकिन अगर अरविंद केजरीवाल कहेंगे तो इन्हें हटाया भी जा सकता है।

हालांकि आम आदमी पार्टी के कुछ लोग कहते हैं कि अरविंद केजरीवाल को डॉक्टर ने ज्यादा एसी में रहने को मना किया है क्योंकि उन्हें खांसी और कफ की दिक्कत है। वो ये भी दावा करते हैं कि मुख्यमंत्री के दफ्तर का एसी भी अब तक नहीं चलाया गया है। जबकि उनके विरोधी नेता कहते हैं कि वो जनता के बीच एयरकंडीशन को हटाकर राजनीतिक स्टंट करना चाहता हैं। पहले वो बड़े सरकारी मकान में नहीं रहने को कहते थे अब पिछली बार से भी बड़ा मकान उन्होंने लिया है।

वहीं मुख्यमंत्री के नए मकान के पड़ोसी राजेश त्यागी कहते हैं कि पूरे नॉर्थ दिल्ली में शायद फ्लैग स्टाफ रोड जैसी शांति और हरियाली कहीं नहीं है। इसी के चलते यहां मॉर्निंग वॉकर बड़ी तादात में मिलते हैं। उन्हें इस बात की आशंका है कि कहीं मुख्यमंत्री के रहने से यहां आए-दिन धरने-प्रदर्शन न होने लगें।

इससे पहले इस सरकारी घर में दिल्ली के पूर्व डिप्टी स्पीकर अंबरीष गौतम रहते थे। लेकिन वो यहां यदा कदा ही आते थे। इसके चलते इस मकान का बिजली का बिल भी ज्यादा नहीं आता था। जानकार ये भी कहते हैं कि इस सरकारी मकान में 38 किलोवाट का बिजली कनेक्शन है। यही वजह है कि बिजली का बिल कम करने की भी ये कोशिश हो सकती है।

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सरकार के लिए इन गर्मियों में दिल्ली को बिना कटौती के बिजली मुहैया कराना बड़ी चुनौती होगी क्योंकि माना जा रहा है कि इस गर्मी में दिल्ली में बिजली की खपत 6000 मेगावाट तक जा सकती है। ऐसे में हो सकता है कि खुद मुख्यमंत्री एसी नहीं चलाकर लोगों को ये संदेश देना चाहते हों कि बिजली की खपत कम से कम करें। लेकिन अरविंद केजरीवाल के यहां से अगर एसी को हटाया जाता है तो एक कड़ा सदेंश उन दफ्तरों और घरों में जरूर जाएगा जहां कई बार बिना वजह इस तरह के एसी चलते रहते हैं।