नई दिल्ली:
आम आदमी पार्टी के पंजाब विधानसभा संबंधी घोषणापत्र को लेकर उठे विवाद के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा सोमवार को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में बर्तन धोने को बीजेपी ने सिख गुरुओं के प्रति अपराध को छिपाने की कवायद और सिखों की धार्मिक आस्था पर चोट करार दिया। बीजेपी ने कहा कि अपराध को फरेब से छिपाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री एस.एस. आहलुवालिया ने संसद भवन परिसर में कहा कि सोमवार सुबह-सुबह एक बात सामने आई कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सिखों के पवित्र स्थान श्री हरमंदिरजी साहब के लंगर परिसर में धोए हुए बर्तन को पुन: साफ किया।
उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले अमृतसर में अपने तथाकथित दस्तावेज जारी करते हुए आम आदमी पार्टी ने इसकी तुलना सिखों के पवित्र ग्रंथ गुरुग्रंथ साहब से की थी। सिखों ने इसका प्रतिवाद किया, गुरू नानक नामलेवा कोटि कोटि लोगों ने इसका प्रतिवाद किया।
अहलुवालिया ने कहा कि सोमवार सुबह टीवी और मीडिया में सिखों के पवित्र स्थान श्रीहरमंदिर साहब के लंगर परिसर में धोए हुए बर्तनों को पुन: साफ करते केजरीवाल की खबर को देखा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'फरेब करना दुर्भाग्यपूर्ण है।' उन्होंने कहा कि अगर किसी को गुरुद्वारे में नम्रता का प्रतीक बनकर जाने का विचार आता है तब गुरुद्वारे के द्वार पर जोड़ाघर की धूल को सिर पर लगाकर धन्य हो सकता है, लेकिन केजरीवाल सीधे लंगर भवन पहुंच गए।
केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि केजरीवाल एवं उनकी पार्टी ने सिखों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। गुरुग्रंथ साहब जीता जागता गुरु है। इसमें 36 गुरुओं की वाणी है। इसमें गुरु नानक देव, गुरु तेग बहादुर, भक्त नामदेव, भक्त रविदास, कबीर, जयदेव, शेख फरीद की उक्तियां हैं।
अहलुवालिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी के तथाकथित दस्तावेज की इनसे तुलना करके इन सभी को ठेस पहुंचाई गई है। एक दुष्प्रचार करने के बाद धोए हुए बर्तन को धोकर मन साफ करने का दावा करना मिथ्या है और ऐसे कार्यों से मन और कलुषित होता है।
पंजाब विधानसभा के अगले साल होने वाले चुनाव के लिए आक्रामक प्रचार कर रही आप अपने युवा घोषणा पत्र को जारी करने के बाद विवादों में घिर गई। युवा घोषणा पत्र के आवरण पृष्ठ पर पार्टी चुनाव चिन्ह झाड़ू के साथ स्वर्ण मंदिर की तस्वीर चित्रित थी, जिस पर कई सिख धार्मिक संगठनों और राजनीतिक संगठनों ने नाराजगी जाहिर की और केजरीवाल से इसके लिए माफी मांगने को कहा।
गायक एवं भाजपा नेता मनोज तिवारी ने भी इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हम लोग तो गीत संगीत से जुड़े कलाकार हैं लेकिन केजरीवाल अलग तरह के कलाकार हैं जो दिल्ली के लोगों को उनकी परेशानियों के साथ छोड़कर पता नहीं कहां चले जाते हैं।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
संसदीय कार्य राज्य मंत्री एस.एस. आहलुवालिया ने संसद भवन परिसर में कहा कि सोमवार सुबह-सुबह एक बात सामने आई कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सिखों के पवित्र स्थान श्री हरमंदिरजी साहब के लंगर परिसर में धोए हुए बर्तन को पुन: साफ किया।
उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले अमृतसर में अपने तथाकथित दस्तावेज जारी करते हुए आम आदमी पार्टी ने इसकी तुलना सिखों के पवित्र ग्रंथ गुरुग्रंथ साहब से की थी। सिखों ने इसका प्रतिवाद किया, गुरू नानक नामलेवा कोटि कोटि लोगों ने इसका प्रतिवाद किया।
अहलुवालिया ने कहा कि सोमवार सुबह टीवी और मीडिया में सिखों के पवित्र स्थान श्रीहरमंदिर साहब के लंगर परिसर में धोए हुए बर्तनों को पुन: साफ करते केजरीवाल की खबर को देखा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'फरेब करना दुर्भाग्यपूर्ण है।' उन्होंने कहा कि अगर किसी को गुरुद्वारे में नम्रता का प्रतीक बनकर जाने का विचार आता है तब गुरुद्वारे के द्वार पर जोड़ाघर की धूल को सिर पर लगाकर धन्य हो सकता है, लेकिन केजरीवाल सीधे लंगर भवन पहुंच गए।
केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि केजरीवाल एवं उनकी पार्टी ने सिखों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। गुरुग्रंथ साहब जीता जागता गुरु है। इसमें 36 गुरुओं की वाणी है। इसमें गुरु नानक देव, गुरु तेग बहादुर, भक्त नामदेव, भक्त रविदास, कबीर, जयदेव, शेख फरीद की उक्तियां हैं।
अहलुवालिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी के तथाकथित दस्तावेज की इनसे तुलना करके इन सभी को ठेस पहुंचाई गई है। एक दुष्प्रचार करने के बाद धोए हुए बर्तन को धोकर मन साफ करने का दावा करना मिथ्या है और ऐसे कार्यों से मन और कलुषित होता है।
पंजाब विधानसभा के अगले साल होने वाले चुनाव के लिए आक्रामक प्रचार कर रही आप अपने युवा घोषणा पत्र को जारी करने के बाद विवादों में घिर गई। युवा घोषणा पत्र के आवरण पृष्ठ पर पार्टी चुनाव चिन्ह झाड़ू के साथ स्वर्ण मंदिर की तस्वीर चित्रित थी, जिस पर कई सिख धार्मिक संगठनों और राजनीतिक संगठनों ने नाराजगी जाहिर की और केजरीवाल से इसके लिए माफी मांगने को कहा।
गायक एवं भाजपा नेता मनोज तिवारी ने भी इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हम लोग तो गीत संगीत से जुड़े कलाकार हैं लेकिन केजरीवाल अलग तरह के कलाकार हैं जो दिल्ली के लोगों को उनकी परेशानियों के साथ छोड़कर पता नहीं कहां चले जाते हैं।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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