यह ख़बर 08 सितंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

मुजफ्फरनगर में अब तक 30 लोगों की मौत, सेना और पुलिस ने झोंकी ताकत

खास बातें

  • उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में भड़की हिंसा में मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक अब तक 30 लोगों की जान गई है और कई लोग घायल हुए हैं।
लखनऊ /मुजफ्फरनगर:

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में भड़की हिंसा में मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, अब तक 30 लोगों की जान गई है और कई घायल हुए हैं। शासन ने जिले के ग्रामीण इलाकों में फैली हिंसा को रोकने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। तीन थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।

बिगड़े हालात को काबू में करने पहुंचे सूबे के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) अरुण कुमार ने देर शाम पत्रकारों से बातचीत के दौरान हिंसा में अब तक 26 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की। स्थानीय लोग हालांकि मृतकों की संख्या 30 बता रहे हैं।

अरुण कुमार ने कहा कि हिंसा में अब तक 26 लोग मारे गए हैं और 52 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस और सेना स्थिति को नियंत्रित करने में जुटी हुई है। ज्यादातर इलाकों में हिंसा पर काबू पा लिया गया है और बाकी जगहों पर जल्द ही हालात काबू में कर लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में हिंसा फैलने की वजह से कार्रवाई में दिक्कतें आ रही हैं लेकिन प्रयास किया जा रहा है कि जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाए। छह गांवों में हिंसा फैली है। उन्होंने कहा कि महापंचायत आयोजित करने वाले लोगों के खिलाफ  भी मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

इससे पहले स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के महानिरीक्षक आशीष गुप्ता और गृह सचिव कमल सक्सेना ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान मृतकों की संख्या 19 बताई थी।

एसटीएफ के आईजी गुप्ता ने दोपहर में बताया था कि हिंसा में शनिवार तक 11 लोगों की मौत हुई थी और आज (रविवार) अलग-अलग जगहों पर आठ लोगों की मौत हुई है। अब तक कुल 19 लोगों के मारे जाने की सूचना है। उन्होंने कहा कि हिंसा में 40 लोग घायल हुए हैं और उनका इलाज अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है। अब तक 53 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है और उनके खिलाफ  एफआईआर दर्ज कर उचित कार्रवाई की जाएगी।

गुप्ता ने माना कि हिंसा जिले के ग्रामीण इलाकों तक फैल चुकी है और इसीलिए सेना की मदद ली गई है। ग्रामीण इलाकों में सेना के जवानों को पहुंचने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन हालात नियंत्रण में हैं। जिले के सिसौली, शाहपुर, बानिग, कालापार और बारातालाब में हिंसा फैली है।

आईजी ने कहा कि हिंसा के मद्देनजर जिले में 30 पुलिस अधीक्षकों, 18 वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों, 23 पुलिस उपाधिक्षकों की तैनाती की गई है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा 119 निरीक्षकों एवं उपनिरीक्षकों तथा 300 पुलिसकर्मियों की तैनाती अलग-अलग जगहों पर की गई है।

गुप्ता ने बताया कि रैपिड एक्शन फोर्स की आठ कंपनियां, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की 17, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल की चार कंपनियों को अलग-अलग जगाहों पर तैनात किया गया है। जिले के तीन थानाक्षेत्रों- सिविल लाइन, कोतवाली और नई मंडी में कर्फ्यू लगाया गया है।

गुप्ता के साथ संवाददाता सम्मेलन में मौजूद गृह सचिव कमल सक्सेना ने केवल इतना ही कहा कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा और जिले में जल्द से जल्द शांति-व्यवस्था बहाल कराई जाएगी।

इससे पहले जिला प्रशासन की ओर से सुबह ताजा हिंसा में तीन लोगों के मारे जाने की पुष्टि की गई थी, जिसके बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 तक पहुंच गई थी। हिंसा में 11 लोगों की मौत शनिवार देर रात ही हो गई थी।

ज्ञात हो कि जिले में शनिवार को आहूत महापंचायत के बाद लौट रही भीड़ पर शरारती तत्वों द्वारा पथराव किए जाने के बाद जिले में हिंसा भड़क उठी। हिंसा जिले के शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में तेजी से फैल गई।

इस बीच, जिला प्रसासन और सेना की टुकड़ियों के लगाए जाने के बाद भी कई जगहों पर लगातार गोलीबारी की घटनाएं सामने आ रही हैं। जिलाधिकारी कौशल राजशर्मा ने उपद्रवियों से सख्ती से निपटने का आदेश दिया है।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुजफ्फरनगर की हिंसक घटना को दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि राज्य में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। हिंसक घटना के लिए जिम्मेदार व दोषी व्यक्तियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा और हर हाल में शांति व्यवस्था कायम की जाएगी।

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उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरनगर में 26 अगस्त को छेड़छाड़ की एक घटना के बाद भड़की हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई थी। इसी घटना को लेकर शनिवार को महापंचायत बुलाई गई थी।