नई दिल्ली:
भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने आंदोलन को मिले अपार जनसमर्थन ने गांधीवादी अन्ना हजारे को ऊर्जा और उत्साह से इतना लबरेज कर दिया है कि शुक्रवार को तिहाड़ जेल से रामलीला मैदान पहुंचते ही उन्होंने हुंकार भरी कि जन लोकपाल विधेयक के पारित होने तक उनका अनशन जारी रहेगा। उन्होंने युवाओं से देश में 'बदलाव' का आह्वान करते हुए कहा कि उनके न रहने पर भी 'क्रांति' की मशाल निरंतर जलती रहनी चाहिए। रामलीला मैदान पहुंचने से पहले वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता ने राजघाट पर अपनी टोपी उतार राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने समाधि पर गुलाब की पंखुड़ियों और सूत की माला चढ़ाई और काले संगमरमर से बनी समाधि पर सिर नवाया। राजघाट पर अपने स्वस्थ होने का संदेश देते हुए उन्होंने कुछ कदमों तक दौड़ भी लगाई। रामलीला मैदान पहुंचने पर गांधीवादी ने हजारों समर्थकों के बीच घोषणा की कि जन लोकपाल विधेयक की मांग से वह पीछे नहीं हट सकते। अपनी गिरफ्तारी से देश भर में जज्बातों को उभारने और सरकार को एक राजनीतिक संकट में डालने वाले अन्ना हजारे ने कहा, "एक प्रभावी लोकपाल विधेयक के पारित होने तक हम इस स्थान से नहीं हटेंगे। यह एक नई आजादी के संघर्ष की नई क्रांति की शुरुआत है।" ज्ञात हो कि अन्ना हजारे के रामलीला मैदान पहुंचने से पहले जोरों की बारिश हुई लेकिन यह बारिश समर्थकों के उत्साह को कम न कर सकी। बारिश का लुत्फ उठाने के लिए समर्थक पंडाल से बाहर आ गए और देशभक्ति के गीतों पर अपने जज्बात बयां किए। बारिश अभी पूरी तरह से थमी नहीं थी कि इसीबीच अन्ना हजारे का काफिला वहां पहुंचा। उन्होंने मंच पर चढ़कर सबसे पहले 'वंदेमातरम और इंकलाब जिंदाबाद' के नारे लगाए। इसके बाद समर्थकों को सम्बोधित करना शुरू किया। मध्य दिल्ली स्थित रामलीला मैदान में गांधीवादी ने कहा, "क्रांति की यह मशाल निरंतर जलती रहनी चाहिए। यह केवल लोकपाल विधेयक के लिए नहीं है। हमें इस देश में एक बदलाव लाना है।" उनके इस बयान पर समर्थकों ने नारे लगाकर उनका स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इस देश के लोग अब और लूट बर्दाश्त नहीं करेंगे। रामलीला मैदान में हजारों की तादाद में मौजूद उनके समर्थकों ने पूरे जोश के साथ उनका स्वागत किया। इससे पहले, अन्ना ने तिहाड़ के बाहर समर्थकों को सम्बोधित करते हुए 'भारत माता की जय' और 'वंदेमात्रम' के नारे लगाए। उन्होंने कहा कि 1947 में मिली आजादी के लिए 1942 में आंदोलन शुरू हुआ था और अब 16 अगस्त से दूसरी आजादी की लड़ाई शुरू हो गई हैं जिसे आपको अंजाम तक पहुंचाना है। जेल के बाहर मौजूद हजारों समर्थकों को थोड़े समय तक सम्बोधित करने के बाद अन्ना हजारे एक खुले ट्रक के पीछे सवार हो गए। ट्रक पर सफेद चादर, गद्दे और एक बड़ा छाता लगा था और जब उनका काफिला चला तो राहगीर और छतों से लोगों ने उत्सुकतापूर्वक उन्हें देखा। रास्ते में हर जगह राष्ट्रभक्ति के नारे 'भारत माता की जय' और गांधीवादी के समर्थन में 'अन्ना हम तुम्हारे साथ हैं' लगाए गए। कुछ समर्थकों ने 'मैं भी अन्ना, तू भी अन्ना, अब तो सारा देश है अन्ना' लिखी तख्तियां ले रखी थीं। एक खुले ट्रक पर सवार अन्ना के पीछे चल रहे लोग बारिश की बूंदों के बीच 'इंकलाब जिंदाबाद', 'जय हिंद' और 'भारत माता की जय' जैसे नारे लगा रहे थे। बारिश शुरू होने के बावजूद अन्ना हजारे छाते के सहारे कुछ दूर तक ट्रक में गए लेकिन बारिश तेज होने पर वह कार में सवार हो गए। रामलीला मैदान में युवाओं को बदलाव का अग्रदूत बताते हुए अन्ना हजारे ने आह्वान किया कि उनकी अनुपस्थिति में युवाओं को क्रांति की मशाल आगे बढ़ाते रहना चाहिए। उन्होंने कहा, "युवा शक्ति राष्ट्र की शक्ति है। चाहे अन्ना हजारे रहें या न रहें। क्रांति की यह मशाल निरंतर जलती रहनी चाहिए।" उन्होंने कहा कि अनशन शुरू करने के बाद पिछले तीन दिनों में उनका वजन तीन किलोग्राम कम हुआ है। उल्लेखनीय है कि रामलीला मैदान में बच्चे, किशोर, युवा, बुजुर्ग सभी उम्र के समर्थक मौजूद थे। बहुत सारे स्कूली छात्र स्कूल छोड़कर गांधीवादी के समर्थन में पहुंचे थे। टीम अन्ना के सदस्य और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने उन अटकलों को खारिज कर दिया जिनमें कहा गया कि सामाजिक कार्यकर्ता सरकार के समक्ष घुटने टेक रहे हैं। उन्होंने कहा, "किसी भी सहमति पर समझौता नहीं हुआ है।" उल्लेखनीय है कि अन्ना को मंगलवार सुबह उनके प्रस्तावित अनशन स्थल जेपी पार्क जाने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था। शाम को हालांकि उन्हें रिहा करने का आदेश दिया गया लेकिन अन्ना ने जेल से बाहर आने से इनकार कर दिया। उन्होंने दिल्ली में किसी सार्वजनिक स्थल पर बिना शर्त अनशन करने की अनुमति मांगी थी।
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