देश भर में NRC लागू करने की बात लेकर अब भी विरोध जारी है. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को रामलीला मैदान में हुई रैली के दौरान स्पष्ट कर चुके हैं कि कैबिनेट में इसे लेकर कोई चर्चा नहीं हुई. अब अमित शाह ने समाचार एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में कहा कि पूरे देश में NRC को लेकर अभी चर्चा करने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इस पर अभी तक कोई विचार-विमर्श नहीं हुआ है. उन्होंने कहा, ''पीएम मोदी सही थे, इसे लेकर अब तक न तो मंत्रिमंडल में कोई चर्चा हुई है और न हीं संसद में.'
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वहीं देश में डिटेंशन सेंटर बनने की बात पर अमित शाह ने कहा कि देश में जो डिटेंशन सेंटर बने हैं वो एक सतत प्रक्रिया है. उन्होंने कहा कि इस देश में कोई भी नागरिक आकर नहीं रह सकता. देश का एक कानून है. शाह ने कहा कि डिटेंशन सेंटर में उन अवैध अप्रवासियों को रखा जाता है जिनके पास पासपोर्ट, वीजा कुछ नहीं होता. इसके बाद उन्हें उनके देश में डिपोर्ट करने की प्रक्रिया की जाती है. उनके कहने का आशय है कि जिन्होंने भारत में आकर शरणार्थी के दर्जे की मांग नहीं की. शाह ने यह भी कहा कि लोगों को NRC लागू होने पर डिटेंशन सेंटर में डाले जाने की बात पर झूठ फैलाया जा रहा है. गृह मंत्री ने बताया कि डिटेंशन सेंटर हर देश में होता है. अभी भारत में असम के सिवाय कहीं भी डिटेंशन सेंटर नहीं है. सिर्फ असम में एक डिटेंशन सेंटर है और कई सालों से है.
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उधर कैबिनेट से NPR को मंजूरी मिलने के बाद लोगों को ये भी शंका होने लगी कि इस आंकड़े के आधार पर भविष्य में NRC की रूपरेखा तय की जाएगी. इसी मतभेद को स्पष्ट करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कहा कि NRC का NPR से कोई लेना देना नहीं है. न ही इसके आधार पर NRC तय होगा. शाह ने कहा कि पूरे देश में NRC को लेकर अभी चर्चा करने की कोई आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा कि NRC में हमारे घोषणा पत्र में है लेकिन वो अपनी जगह है और जब होगा तो थोड़े ही न ऐसे छिप-छिप कर होगा.