डोकलाम विवाद के बीच चीनी सेना के कार्यक्रम में शामिल हुए भारत और भूटान

पीएलए के इस कार्यक्रम में अमेरिका और रूस की सेनाओं के बड़े अधिकारी भी शामिल हुए . बताया जा रहा है कि इस कार्यक्रम में करीब 20 देशों को लोग शामिल हुए थे. 

डोकलाम विवाद के बीच चीनी सेना के कार्यक्रम में शामिल हुए भारत और भूटान

चीनी सेना के स्थापना दिवस पर कार्यक्रम.

खास बातें

  • 1 अगस्त को चीनी सेना का स्थापना दिवस
  • चीन और भारत में डोकलाम को लेकर विवाद
  • उत्तराखंड में भी चीनी सेना के घुसपैठ की खबर.
नई दिल्ली:

सिक्किम के पास स्थित डोकलाम में 16 जून से भारत और चीन की सेनाओं की टुकड़ी नॉन कॉम्बैटिव मोड में आमने सामने खड़ी हैं. दोनों देश अपने-अपने रणनीतिक हितों की बात कर रहे हैं. ऐसे में यह भी खबर आई की चीन के सैनिकों में उत्तराखंड में भी सीमा का उल्लंघन किया और भारतीय क्षेत्र में घुस आए. करीब दो घंटों तक भारतीय सीमा में रहने के बाद वह वापस चले गए. वहीं दिल्ली में चीनी सेना के एक कार्यक्रम में भारत, भूटान, पाकिस्तान समेत कई देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. 

पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित और भूटान के राजदूत वेटसप नामगिल ने दिल्ली के पांच सितारा होटल में इस कार्यक्रम में शिरकत की. यहीं पर भारतीय सेना के कई अधिकारी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए.  पीएलए के इस कार्यक्रम में अमेरिका और रूस की सेनाओं के बड़े अधिकारी भी शामिल हुए . बताया जा रहा है कि इस कार्यक्रम में करीब 20 देशों को लोग शामिल हुए थे. 

यह कार्यक्रम उस दिन था जब गृहमंत्रालय ने दिल्ली में कहा कि करीब 50 चीनी सैनिक उत्तराखंड के बराहोटी में पिछले हफ्ते भारतीय सीमा में घुस आए थे और करीब दो घंटे रहने के बाद वापस चले गए. बताया जा रहा है कि पिछले मंगलवार को चीनी सैनिक सुबह करीब नौ बजे भारतीय सीमा में एक किलोमीटर तक घुस आए थे और कई भारतीय चरवाहों को वहां से चले जाने को कहा.
 


अधिकारियों के कहना है कि जिस जगह की यह बात है वहां पर सीमा निर्धारित नहीं है इस कारण दोनो देशों के सैनिक एक दूसरे के इलाके में घुस जाते हैं. लेकिन इस बार यह तब हुआ जब दोनों देशों की सेनाओं की टुकड़े डोकलाम में काफी लंबे समय से एक दूसरे के सामने खड़ी है. बता दें कि 1962 के बाद से यह पहला मौका जब इतने लंबे समय तक दोनों देश की सेनाएं एक दूसरे के सामने डटी हों.
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बता दें कि उत्तराखंड की घटना के दो दिन बाद ही भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार चीन के दौरे पर गए थे और उन्होंने कई मुद्दों पर वहां पर बात की. 

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