अलवर में गो तस्करी के शक में एक शख़्स की पिटाई से मौत के मामले में पुलिस की भूमिका पर उठते सवाल के बीच मामले की जांच सीनियर अफ़सर को सौंप दी गई है. एडिशनल एसपी क्राइम और विजिलेंस के एडिशनल एसपी अब इस मामले की जांच करेंगे. यानी स्थानीय पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में आने के बाद स्थानीय पुलिस के हाथ से जांच छीन ली गई है. वहीं इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला ने याचिका दी है. जिसमें उन्होंने राजस्थान सरकार के खिलाफ अवमानना की याचिका दी है. सुप्रीम कोर्ट इस याचिका की सुनवाई 28 अगस्त को करेगा.
अलवर मॉब लिंचिंग: पीड़ित को अस्पताल ले जाने की बजाए पहले पुलिसवालों ने पी चाय, फिर ले गए थाने
अलवर की घटना : कब क्या हुआ
- रात 12:41 पर पुलिस को वीएचपी कार्यकर्ता नवलकिशोर का फोन
- नवलकिशोर ने लालावंडी गांव में भीड़ के हमले की जानकारी दी
- पुलिस ने नवलकिशोर को गांव तक साथ चलने को कहा
- पुलिस का सिपाही मोहनलाल, ड्राइवर और नवल गांव पहुंचे
- पुलिस की टीम रात 1:20 पर लालावंडी गांव पहुंची
- पुलिस के आने पर भीड़ भागी, दो युवक खेत में खड़े थे
- घायल रकबर कीचड़ से सना खेत में गिरा हुआ था
- दो युवक धर्मेंद्र, परमिंदर गायों के साथ पास ही में थे
- पुलिस ने घायल रकबर को उठाकर अपनी गाड़ी में रखा
- रास्ते में पुलिस ने एक जगह रुककर रकबर को नहलाया
- पुलिस वाले रास्ते में नवल के रिश्तेदारों के घरों पर रुके
- गायों को गौशाला ले जाने के लिए गाड़ी का इंतज़ाम किया
- इस बीच खून से लथपथ घायल रकबर गाड़ी में पड़ा रहा
- गाड़ी में रकबर कहता रहा कि उसे बहुत दर्द हो रहा है
- पुलिस ने चाय के लिए गोविंदगढ़ में गाड़ी रोकी
- पुलिस गायों के लिए गाड़ी का भी इंतज़ार करती रही
- इसके बाद पुलिस रकबर को गाड़ी में लेकर थाने पहुंची
- पुलिस फिर गायों को लेकर 15 किलोमीटर दूर गौशाला पहुंची
- तड़के चार बजे पुलिस लौटी तो रकबर दम तोड़ चुका था
- पुलिस 4 बजे रकबर का शव लेकर स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र पहुंची
- डॉक्टरों ने अस्पताल में रकबर को मृत घोषित कर दिया
अलवर मामला: पीड़ित पर पुलिस का सितम
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