पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की फाइल फोटो
श्रीनगर:
बीजेपी के साथ सरकार बनाने के लिए आगे बढ़ने का संकेत देते हुए पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उनके दिवंगत पिता मुफ्ती सईद का भगवा पार्टी के साथ गठबंधन करने का निर्णय उनके बच्चों के लिए एक वसीयत की तरह है, जिसे अमल में लाना है, भले ही ऐसा करते हुए वे मिट जाएं।
उन्होंने कहा कि उनके पिता का बीजेपी से गठबंधन करने का निर्णय 'पत्थर की लकीर' है और 'मैं उनके निर्णय को निभाऊंगी'। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी नीत केंद्र सरकार द्वारा गठबंधन के एजेंडा को लागू करने में प्रगति जम्मू कश्मीर सरकार के गठन की पूर्व शर्त है। राज्य में आठ जनवरी से राज्यपाल शासन लागू है।
महबूबा ने कहा, 'मेरे लिए मेरे पिता का फैसला पत्थर की लकीर है, लेकिन जो गठबंधन का एजेंडा (उनके पिता और बीजेपी) उन्होंने तय किया था वह भी बहुत महत्वपूर्ण है, बिल्कुल मुफ्ती साहब के शब्दों की तरह।' उन्होंने कहा कि वह अपने पिता के निर्णय का सम्मान करती हैं। उन्होंने दावा किया कि उनके पिता का निर्णय सदैव राज्य के लोगों के हित में हुआ करता था। उन्होंने कहा, 'मैं एक बात स्पष्ट करना चहती हूं कि यह (बीजेपी के साथ गठबंधन) निर्णय सईद द्वारा लिया गया था और मैं इसका स्वागत करती हूं। अगर कोई पिता अपने बच्चों के लिए वसीयत करता है तो उसे पूरा करना उनकी जिम्मेदारी होती है भले ही वह ऐसा करते समय मिट जाएं।'
बहरहाल महबूबा ने यह भी कहा कि निर्णय का एक अन्य पहलू दोनों दलों के बीच गठबंधन के एजेंडा के क्रियान्वयन के जरिये राज्य के लोगों को लाभ पहुंचाना है। उन्होंने कहा, 'सईद का बीजेपी के साथ सरकार बनाने के लिए गठबंधन करने तथा केंद्र की सरकार के साथ हाथ मिलाने का निर्णय जम्मू कश्मीर के लोगों, राज्य की एकता को कायम रखने तथा शांति एवं विकास के लिए था।'
महबूबा ने कहा कि वह तभी सरकार बनाएंगी जब वे महसूस करेंगी कि उनके पिता का सपना पूरा होगा। उन्होंने कहा, 'मैं कुर्सी पर तभी बैठूंगी जब मैं यह महसूस करूंगी कि जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए सईद के सपने पूरे होंगे। राज्य के लोगों के लिए कुर्सी की जरूरत है, मेरे लिए नहीं। अगर मुझे अपने या अपने परिवार के लिए कुर्सी मिलेगी तो मुझे इसकी जरूरत नहीं है, क्योंकि मेरी ऐसी कोई महत्वकांक्षा नहीं है।' महबूबा ने कहा, 'अगर मेरी ऐसी कोई महत्वकांक्षा होती तो मैंने अपने पिता के जीवनकाल में ही कुर्सी ले ली होती।'
इस बीच जम्मू से प्राप्त समाचार के अनुसार जम्मू कश्मीर कांग्रेस ने राज्य की मौजूदा राजनीतिक अनिश्चितता के लिए बीजेपी और पीडीपी को जिम्मेदार ठहराया और उन पर लोगों के साथ छलावा करने का आरोप लगाया। जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर ने जम्मू के खोर इलाके में एक रैली में कहा, 'बीजेपी और पीडीपी मौजूदा राजनीतिक संकट और अस्तव्यतता के लिए जिम्मेदार हैं। सिर्फ कांग्रेस ही लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है। यही पार्टी है जो राज्य के सभी तीनों क्षेत्रों के लोगों के लिए न्याय सुनिश्चित कर सकती है।'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
उन्होंने कहा कि उनके पिता का बीजेपी से गठबंधन करने का निर्णय 'पत्थर की लकीर' है और 'मैं उनके निर्णय को निभाऊंगी'। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी नीत केंद्र सरकार द्वारा गठबंधन के एजेंडा को लागू करने में प्रगति जम्मू कश्मीर सरकार के गठन की पूर्व शर्त है। राज्य में आठ जनवरी से राज्यपाल शासन लागू है।
महबूबा ने कहा, 'मेरे लिए मेरे पिता का फैसला पत्थर की लकीर है, लेकिन जो गठबंधन का एजेंडा (उनके पिता और बीजेपी) उन्होंने तय किया था वह भी बहुत महत्वपूर्ण है, बिल्कुल मुफ्ती साहब के शब्दों की तरह।' उन्होंने कहा कि वह अपने पिता के निर्णय का सम्मान करती हैं। उन्होंने दावा किया कि उनके पिता का निर्णय सदैव राज्य के लोगों के हित में हुआ करता था। उन्होंने कहा, 'मैं एक बात स्पष्ट करना चहती हूं कि यह (बीजेपी के साथ गठबंधन) निर्णय सईद द्वारा लिया गया था और मैं इसका स्वागत करती हूं। अगर कोई पिता अपने बच्चों के लिए वसीयत करता है तो उसे पूरा करना उनकी जिम्मेदारी होती है भले ही वह ऐसा करते समय मिट जाएं।'
बहरहाल महबूबा ने यह भी कहा कि निर्णय का एक अन्य पहलू दोनों दलों के बीच गठबंधन के एजेंडा के क्रियान्वयन के जरिये राज्य के लोगों को लाभ पहुंचाना है। उन्होंने कहा, 'सईद का बीजेपी के साथ सरकार बनाने के लिए गठबंधन करने तथा केंद्र की सरकार के साथ हाथ मिलाने का निर्णय जम्मू कश्मीर के लोगों, राज्य की एकता को कायम रखने तथा शांति एवं विकास के लिए था।'
महबूबा ने कहा कि वह तभी सरकार बनाएंगी जब वे महसूस करेंगी कि उनके पिता का सपना पूरा होगा। उन्होंने कहा, 'मैं कुर्सी पर तभी बैठूंगी जब मैं यह महसूस करूंगी कि जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए सईद के सपने पूरे होंगे। राज्य के लोगों के लिए कुर्सी की जरूरत है, मेरे लिए नहीं। अगर मुझे अपने या अपने परिवार के लिए कुर्सी मिलेगी तो मुझे इसकी जरूरत नहीं है, क्योंकि मेरी ऐसी कोई महत्वकांक्षा नहीं है।' महबूबा ने कहा, 'अगर मेरी ऐसी कोई महत्वकांक्षा होती तो मैंने अपने पिता के जीवनकाल में ही कुर्सी ले ली होती।'
इस बीच जम्मू से प्राप्त समाचार के अनुसार जम्मू कश्मीर कांग्रेस ने राज्य की मौजूदा राजनीतिक अनिश्चितता के लिए बीजेपी और पीडीपी को जिम्मेदार ठहराया और उन पर लोगों के साथ छलावा करने का आरोप लगाया। जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर ने जम्मू के खोर इलाके में एक रैली में कहा, 'बीजेपी और पीडीपी मौजूदा राजनीतिक संकट और अस्तव्यतता के लिए जिम्मेदार हैं। सिर्फ कांग्रेस ही लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है। यही पार्टी है जो राज्य के सभी तीनों क्षेत्रों के लोगों के लिए न्याय सुनिश्चित कर सकती है।'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
जम्मू कश्मीर, महबूबा मुफ्ती, बीजेपी- पीडीपी गठबंधन, मुफ्ती मोहम्मद सईद, Jammu Kashmir, Mehbooba Mufti, BJP-PDP Alliance, Mufti Mohammad Sayeed