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This Article is From Jul 26, 2017

मोटर व्हीकल बिल पर संसद में सर्वदलीय बैठक कल, कड़े हो सकते हैं नियम...

संसद के निचले सदन लोकसभा में पहले ही पारित किया जा चुका मोटर व्हीकल बिल सोमवार को राज्यसभा में लाया गया था...

मोटर व्हीकल बिल पर संसद में सर्वदलीय बैठक कल, कड़े हो सकते हैं नियम...
संसद भवन का फाइल फोटो...
नई दिल्ली:

राज्यसभा के उपसभापति द्वारा मोटर व्हीकल बिल को लेकर जारी गतिरोध खत्म करने के लिए बुधवार दोपहर को होने वाली बैठक अब गुरूवार दोपहर सवा 12 बजे होगी. यह बैठक उप राष्‍ट्रपति के चैंबर में होगी. इससे पहले यह बैठक बुधवार को दोपहर 3 बजे बुलाई गई थी. 

विपक्षी कांग्रेस तथा द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) चाहती है कि इस विधेयक को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए. संसद के निचले सदन लोकसभा में पहले ही पारित किया जा चुका मोटर व्हीकल बिल सोमवार को राज्यसभा में लाया गया था. तब कांग्रेस और डीएमके ने इसे सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग की थी, लेकिन उस समय केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी सदन में नहीं थे, इसलिए उपसभापति ने कहा था कि मंत्री के नहीं होने की वजह से बिल को सेलेक्ट कमेटी को नहीं भेजा जा सकता. 

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गडकरी ने की थी बैठक की पहल

नितिन गडकरी चाहते थे कि इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए... इसलिए उन्हीं की पहल पर अब यह बैठक बुलाई गई है. इस बिल में यातायात नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माना लगाने का प्रस्ताव है. इसमें शराब पीकर ड्राइविंग करने पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना और 'हिट एंड रन' मामलों में 2 लाख रुपये तक का मुआवजा शामिल है. सड़क दुर्घटना में मौत होने की स्थिति में 10 लाख रुपये तक के मुआवजे का प्रावधान इस विधेयक में किया गया है. 

वीडियो देखें : मोटर व्हीकल संशोधन बिल : संभलकर न चलाया वाहन तो भारी जुर्माना



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सख्त बनेंगे नियम

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार, 18 राज्यों के परिवहन मंत्रियों की सिफारिशों पर आधारित बिल में निर्धारित गति से ज़्यादा तेज रफ्तार पर गाड़ी चलाने के लिए 1,000 से 4,000 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. वहीं, बीमा करवाए बिना गाड़ी चलाने पर 2,000 रुपये का जुर्माना और / या तीन महीने की जेल हो सकती है. बिना हेलमेट वाहन चलाने पर 2,000 रुपये का जुर्माना और तीन महीने के लिए लाइसेंस निलंबित हो सकता है. विधेयक में यह प्रावधान भी किया गया है कि किशोरों द्वारा वाहन चलाते समय सड़क दुर्घटना होने के मामले में वाहन मालिक अथवा अभिभावक को दोषी माना जाएगा, तथा वाहन का पंजीकरण भी रद्द कर दिया जाएगा.

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