अखिलेश यादव का मायावती पर पलटवार : कहा - मुस्लिम नहीं भूले बसपा-बीजेपी के रिश्ते

अखिलेश यादव का मायावती पर पलटवार : कहा - मुस्लिम नहीं भूले बसपा-बीजेपी के रिश्ते

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुस्लिम मतदाताओं को अपने बिखराव की स्थिति में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को फायदा पहुंचने के प्रति आगाह करने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) मुखिया मायावती पर पलटवार करते हुए सोमवार को कहा कि जनता बसपा और बीजेपी की दोस्ती के पुराने उदाहरणों को अब तक नहीं भूली है और क्या मायावती यह दावा कर सकती हैं कि आगामी चुनाव के बाद हालात बनने पर वह बीजेपी के साथ मिलकर सरकार नहीं बनाएंगी.

समाजावादी पार्टी की सरकार के सीएम अखिलेश यादव ने राजधानी लखनऊ में स्मार्टफोन योजना के पंजीयन के वेब पोर्टल के उद्घाटन के अवसर पर कहा, "वह (मायावती) कहती हैं कि समाजवादी पार्टी के लोगों में बंटवारा है, लेकिन मुस्लिम भाई जानते हैं कि समाजवादी पार्टी उनके कितने करीब है... हम लोग भूले नहीं हैं अभी... वह रक्षाबंधन वाला त्योहार कोई नहीं भूला है कि किसने किसको राखी बांधी थी... वह गुजरात वाली बातें नहीं भूले हैं कि कौन जाकर किसके लिए वोट मांगकर आया था..."

अखिलेश यादव ने चुनौती देते हुए कहा, "क्या मायावती जी यह दावा कर सकती हैं कि कल को अगर बहुमत की सरकार नहीं बनी तो क्या बीजेपी और बसपा मिलकर सरकार नहीं बना लेंगी... उत्तर प्रदेश की जनता कैसे भरोसा करेगी...?" उन्होंने मायावती पर कटाक्ष करते हुए कहा, "लोग कह रहे हैं कि वे जनता को नकदी देंगे... अरे, आपका तो नकदी का पुराना शौक है... उत्तर प्रदेश के लोग अभी तक नहीं भूले हैं कि कैसे सीएमओ और एक इंजीनियर को मार दिया गया था... जन्मदिन के नाम पर कहां वसूली नहीं होती है... आपने अपने ही लोगों को गुमराह किया है और अब प्रदेश को गुमराह करना चाहती हैं..."

मालूम हो कि मायावती ने रविवार को लखनऊ में अपनी रैली में मुस्लिम मतदाताओं से बसपा के पक्ष में वोट देने का आग्रह करते हुए कहा था कि समाजवादी पार्टी में बंटवारा हो गया है और वे सपा और कांग्रेस को वोट देकर उसे बेकार न करें, क्योंकि इससे बीजेपी को ही फायदा होगा. इसके अलावा उन्होंने प्रदेश में अगली सरकार बनाने पर गरीबों को नकदी देकर मदद का आश्वासन दिया था.

उत्तर प्रदेश के सीएम ने मायावती पर हमले जारी रखते हुए कहा कि वह बसपा मुखिया को 'बुआ' कहते थे, लेकिन उन्हें (मायावती) बुआ कहने से तकलीफ है, सो, उन्होंने उन्हीं के निवेदन पर उन्हें 'बुआ' कहना छोड़ दिया है.

उत्तर प्रदेश के पुनर्गठन के मायावती के बयान पर तीखा प्रहार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, "वह कहती हैं कि प्रदेश बंट जाना चाहिए, कल को यह भी कहेंगी कि देश बहुत बड़ा है, देश भी बंट जाना चाहिए. हम तो कहते हैं कि जो प्रदेश को बांटने की बात कर रहे हैं, वे स्वार्थ के लिए यह भी कह देंगे कि देश को भी बांट दो..."

मायावती की रैली के दौरान मची भगदड़ में दो महिलाओं की मौत की घटना की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा, "इनकी रैली ही ऐसी होती है कि जिसमें किसी की जान चली जाती है... अपने लोगों को इकट्ठा कर दिया, बस उन्हें वही स्मारक दिखा दिए, वही सम्मान की बात कर दी..."

अखिलेश ने बीजेपी पर भी कटाक्ष करते हुए कहा, "दूसरी तरफ डिजिटल इंडिया के लोग भी आ रहे होंगे... हमने मुजफ्फरनगर, गाजीपुर और बुंदेलखण्ड में लैपटॉप वितरण के दौरान नौजवानों से पूछा तो उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग बहुत झूठ बोलते हैं... अच्छे दिन लाने की बात की थी, लेकिन वे नहीं आए... आंकड़े बताते हैं कि जब से नीति आयोग बना, उत्तर प्रदेश को 9,000 करोड़ रुपये के केंद्रांश का नुकसान हुआ है..."

यूपी के मुख्यमंत्री ने दावा किया कि समाजवादियों की योजनाओं से प्रदेश की 90 प्रतिशत जनता संतुष्ट है. अगर आगामी विधानसभा चुनाव में जनता ने काम के आधार पर फैसला किया तो समाजवादी पार्टी एक तरफ होगी और बाकी दल दूसरी तरफ होंगे. सपा ने अभी अपना घोषणापत्र भी नहीं बनाया है और विपक्षी दल उसकी योजनाओं से घबराए हुए हैं. उन्होंने कहा कि सपा सरकार ने किसी भी वर्ग को कल्याणकारी योजनाओं से वंचित नहीं रखा. लाखों नौजवानों ने सरकार द्वारा दिए गए लैपटॉप से काफी कुछ हासिल किया. आकलन करेंगे तो पाएंगे कि समाजवादियों ने प्रदेश को कितना आगे बढ़ाया है.

अखिलेश यादव ने कहा कि अब वह एक कदम आगे जाकर पात्र लोगों को स्मार्टफोन देंगे. इससे बहुत बड़ी परेशानी दूर होगी. सरकार के कामों और योजनाओं से सीधे तौर पर जनता को जोड़ दिया जाएगा.


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