
श्रीनगर:
संसद पर हमले के दोषी मोहम्मद अफजल गुरु को शनिवार को दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी दिए जाने के बाद कश्मीर में रविवार को दूसरे दिन भी कर्फ्यू जारी है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि घाटी में रविवार सुबह लोगों की गतिविधियों पर प्रतिबंध सख्त कर दिया गया, क्योंकि शनिवार को कर्फ्यू के कई उल्लंघन हुए थे।
अफजल गुरु को शनिवार को फांसी के फंदे से लटकाए जाने के बाद समूची घाटी में प्रदर्शनकारियों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच संघर्ष में 23 पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 36 लोग घायल हो गए थे। सूत्रों ने बताया कि कानून-व्यवस्था की स्थिति कायम रखने के लिए घाटी के सभी संवेदनशील स्थानों पर पुलिसकर्मियों और सीआरपीएफ कर्मी की भारी संख्या में तैनाती की गई है। उन्होंने बताया कि शनिवार को जिन स्थानों पर प्रदर्शन हुए थे, वहां सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ा दी गई है। सूत्रों ने बताया कि घाटी में आज हिंसा की कोई ताजा घटना नहीं हुई है।
बहरहाल, एहतियाती कदम के तहत आज दूसरे दिन भी मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद रही तथा समाचार चैनलों का प्रसारण भी केबल टीवी ऑपरेटर नहीं कर रहे हैं। वहीं, कर्फ्यू के चलते आज दुकानों तक अखबार नहीं पहुंच पाए।
शनिवार को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सुबह जम्मू से श्रीनगर पहुंचे और अफजल को फांसी दिए जाने से कुछ ही देर पहले उन्होंने एक उच्चस्तरीय बैठक में कानून-व्यवस्था का जायजा लिया। जैसे ही अफजल की फांसी की खबर फैली, मुख्यमंत्री ने राज्य की जनता से शांति कायम रखने का अनुरोध किया।
जम्मू-कश्मीर पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों की तैनाती तड़के 4 बजे से शुरू हो गई थी। पुलिस महानिदेशक अशोक प्रसाद ने इस संबंध में मुख्यमंत्री के साथ योजना बनाई थी और सभी 10 जिलों में सुबह 5 बजे तक पूरी तरह बलों को तैनात कर दिया गया।
हुर्रियत के नरमपंथी धड़े ने चार दिन के शोक की घोषणा की है। सोपोर में जाहगीर, उत्तर कश्मीर के बारामूला-उरी राजमार्ग पर पुराना बारामूला और खानपुरा में तथा दक्षिण कश्मीर के लोअर मुंडा में कर्फ्यू की पाबंदियों का उल्लंघन करने का प्रयास किया गया।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि घाटी में रविवार सुबह लोगों की गतिविधियों पर प्रतिबंध सख्त कर दिया गया, क्योंकि शनिवार को कर्फ्यू के कई उल्लंघन हुए थे।
अफजल गुरु को शनिवार को फांसी के फंदे से लटकाए जाने के बाद समूची घाटी में प्रदर्शनकारियों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच संघर्ष में 23 पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 36 लोग घायल हो गए थे। सूत्रों ने बताया कि कानून-व्यवस्था की स्थिति कायम रखने के लिए घाटी के सभी संवेदनशील स्थानों पर पुलिसकर्मियों और सीआरपीएफ कर्मी की भारी संख्या में तैनाती की गई है। उन्होंने बताया कि शनिवार को जिन स्थानों पर प्रदर्शन हुए थे, वहां सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ा दी गई है। सूत्रों ने बताया कि घाटी में आज हिंसा की कोई ताजा घटना नहीं हुई है।
बहरहाल, एहतियाती कदम के तहत आज दूसरे दिन भी मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद रही तथा समाचार चैनलों का प्रसारण भी केबल टीवी ऑपरेटर नहीं कर रहे हैं। वहीं, कर्फ्यू के चलते आज दुकानों तक अखबार नहीं पहुंच पाए।
शनिवार को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सुबह जम्मू से श्रीनगर पहुंचे और अफजल को फांसी दिए जाने से कुछ ही देर पहले उन्होंने एक उच्चस्तरीय बैठक में कानून-व्यवस्था का जायजा लिया। जैसे ही अफजल की फांसी की खबर फैली, मुख्यमंत्री ने राज्य की जनता से शांति कायम रखने का अनुरोध किया।
जम्मू-कश्मीर पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों की तैनाती तड़के 4 बजे से शुरू हो गई थी। पुलिस महानिदेशक अशोक प्रसाद ने इस संबंध में मुख्यमंत्री के साथ योजना बनाई थी और सभी 10 जिलों में सुबह 5 बजे तक पूरी तरह बलों को तैनात कर दिया गया।
हुर्रियत के नरमपंथी धड़े ने चार दिन के शोक की घोषणा की है। सोपोर में जाहगीर, उत्तर कश्मीर के बारामूला-उरी राजमार्ग पर पुराना बारामूला और खानपुरा में तथा दक्षिण कश्मीर के लोअर मुंडा में कर्फ्यू की पाबंदियों का उल्लंघन करने का प्रयास किया गया।
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