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हिंसाग्रस्त असम में मरने वालों की संख्या 80 तक पहुंच जाने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रशासन ऐसे किसी भी शख्स को गोली मार सकता है, जो हिंसा और आगजनी में लिप्त पाया जाएगा।
कथित तौर पर ये सभी लोग एक राहत शिविर से राशन खरीदने जा रहे थे। पुलिस ने बताया कि इनके शव मंगोलियन बाजार के पास चौधरीपुरा में धान की खेतों से बरामद किए गए। पुलिस को स्थानीय लोगों ने खेतों में लाशें पड़ी होने की सूचना दी थी।
पुलिस महानिदेशक (बोडोलैंड क्षेत्रीय जिला समूह) एसएन सिंह ने शनिवार को बताया कि स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस ने शवों को बरामद किया और मृतकों की पहचान अभी नहीं हो सकी है।
कोकराझार जिले में 19 जुलाई को बोडो एवं बांग्ला भाषी मुस्लिमों के मध्य संघर्ष भड़क गया। शीघ्र ही हिंसा चिरांग एवं धुबरी जिले में भी फैल गई। इस हिंसा के चलते चार लाख से अधिक लोगों को राहत शिविरों में शरण लेना पड़ा।
हिंसा में कथित संलिप्तता को लेकर बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के विधायक प्रदीप ब्रम्हा की गिरफ्तारी के बाद प्रशासन ने कोकराझार में गुरुवार से अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया है।
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