बेंगलुरु में विदेशी छात्रा से दुर्व्यवहार का मामला : गलत सूचनाओं से बन गया बात का बतंगड़

बेंगलुरु में विदेशी छात्रा से दुर्व्यवहार का मामला : गलत सूचनाओं से बन गया बात का बतंगड़

बेंगलुरु में विदेशी महिला पर हुए हमले के घटनास्थल का फाइल फोटो।

बेंगलुरु:

तंजानिया की छात्रा को क्या वाकई बगैर कपड़े के घुमाया गया, क्या यह एक नस्ली हिंसा थी? तंजानिया की छात्रा का मामला सामने आने के बाद इन्हीं दोनों सवालों का जवाब तलाशा जाना चाहिए था। लेकिन इसके साथ राजनीति शुरू हुई। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का ट्वीट आया और बात का बतंगड़ बन गया।

वस्त्रहीन करके घुमाने की झूठी खबर
सुषमा स्वराज ने इस मामले में 4 लोगों की गिरफ्तारी की बात कही। इसके साथ ही यह आम धारणा बन गई (मीडिया की भी) कि वाकई तंजानिया की छात्रा को वस्त्रहीन कर गुस्साई भीड़ ने सरेआम घुमाया। इस बीच किसी ने पीड़ित छात्रा की पुलिस को दी गई शिकायत पर ध्यान नहीं दिया। उसमें कहीं भी इस छात्रा ने नहीं लिखा है कि उसे वस्त्रहीन करके घुमाया गया। छात्रा साफ लिखती है कि भीड़ ने उसके साथ मारपीट की, उसके कपड़े फाड़े। उसका टॉप गिर गया। खुद को बचाने के लिए वह वहां से भाग खड़ी हुई। बाद में एक ईरान मूल के छात्र की मदद से सुरक्षित इस्थान पर पहुंची और दो दिनों तक वाहीं रही। इसीलिए पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाने नहीं गई।

अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष के बयान से हुई गड़बड़ी
उधर मीडिया और नेताओं को पता नहीं किसने यह जानकारी दे दी कि पीड़ित लड़की जब पुलिस  स्टेशन पहुंची तो पुलिस ने उसकी शिकायत दर्ज करने से मना कर दिया। दरअसल एक दक्षिण भारत में लोकप्रिय दैनिक अखबार के रिपोर्टर ने अफ्रीकी संघ के विवादास्पद अध्यक्ष के बॉस्को से बात की और सिर्फ उनका पक्ष रखते हुए लिख दिया कि न सिर्फ लड़की के साथ भीड़ ने बुरी यह मारपीट की बल्कि वस्त्रहीन हालात में उसे घुमाया भी। बाद में पत्रकारों ने जब उससे पूछा कि वस्त्रहीन करके घुमाने की बात कहां से आई तो उसका कहना था कि उस लड़की का टॉप अपनी जगह नहीं था। टी शर्ट उसे भीड़ ने पहनने नहीं दिया। ऐसे में अपनी कार से बस तक तो वह बगैर टॉप के ही गई। भले ही उसके इनर गारमेंट्स अपनी जगह हों।

गृहमंत्री ने किया खंडन
गुरुवार को कर्नाटक के गृहमंत्री  जी परमेश्वर ने भी इसका खंडन किया। पीड़ित लड़की के पुलिस को दिए लिखित बयान को पढ़कर सुनाया। राज्य के डीजीपी ओम प्रकाश ने कहा कि उन्होंने खुद लड़की से बात की है और उसने कहीं भी वस्त्रहीन हालत में घुमाने की बात नहीं की है। देर शाम बोस्को ने भी कमोबेश ऐसा ही कहा। उनका कहना था कि जो लड़की ने कहा वह उन्होंने मीडिया को बताया। बोस्को से जब यह पूछा गया कि क्या यह उनकी नजर में नस्ली हिंसा थी, तो उनका जवाब था कि हर शख्स की अपनी सोच और समझ होती है। ऐसे में वे कुछ कहना नहीं चाहते।

गुस्साई भीड़ का निशाना बने विदेशी विद्यार्थी
बताया जाता है कि जब लड़की पर भीड़ ने हमला किया और जैसे ही उसका टॉप गिरा भीड़ से एक व्यक्ति ने अपनी टी शर्ट उतारकर उसे पहनने को दिया, लेकिन आक्रोशित अन्य लोगों ने उसे ऐसा करने से रोका। तेज रफ्तार कार से कुचलकर एक महिला की मौत हो गई थी। ऐसे में कार में सवार सभी 4 अफ्रीकी छात्रों की पिटाई के बाद कार को लोगों ने आग के हवाले कर दिया। कुछ देर बाद दूसरी कार वहां से गुजरी जिसमें भी अफ्रीका मूल के छात्र-छात्राएं मौजूद थे। भीड़ ने उन पर भी हमला बोला। इसी कार में पीड़ित छात्रा भी सवार थी।

अपुष्ट सूचनाएं बनीं बवाल का कारण
इस घटना के सामने आते ही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से बात की। अब या तो सिद्धारमैया ठीक तरीके से सुषमा स्वराज को समझा नहीं सके या फिर सुषमा स्वराज समझ नहीं पाईं। जिन चार लोगों की गिरफ्तारी की बात हुई है वे दरअसल 4 अफ्रीकी मूल के छात्र हैं जिनकी कार से हादसा हुआ। जब बीजेपी ने मामला उठाया तो कांग्रेस ने भी राज्य में अपनी सरकार से जवाब तलब किया। गृह मंत्रालय से लेकर महिला आयोग तक सब सरकार से जवाब तलब करने लगे। ऐसे में 5 आरोपियों की गिरफ्तारी पुलिस ने की।

बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर एन मेघारिक का कहना है कि दूसरी कार जिसमें पीड़ित महिला थी, को भी भीड़ ने जला दिया। हम तब से उन लोगों को ढूंढ रहे थे जो इसमें सवार थे। इस महिला ने पहली बार बुधवार को हमसे संपर्क किया। मामला दर्ज होने के फौरन बाद हमने देर रात 5 लोगों को गिरफ्तार किया।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

पुलिस की लापरवाही उजागर
इसमें कोई दो राय नहीं कि पहली कार और दूसरी कार के जलाए जाने के बीच आधे घंटे का अंतराल था। इस बीच अगर पर्याप्त पुलिस बल वहां मौजूद होता तो शायद न तो दूसरी कार जलती और न ही इस महिला को अग्नि परिक्षा से गुजरना पड़ता। बहरहाल शहर के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त विधि व्यवस्था चरण रेड्डी को दो दिनों के भीतर जांच करके रिपोर्ट देने को कहा गया है।