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This Article is From Aug 10, 2011

अनुसूचित जाति आयोग को आरक्षण पर एतराज

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आयोग की राय में प्रकाश झा की इस फिल्म में कई जगह आपत्तिजनक संवाद और दृश्य हैं जिन्हें हटाया जाना चाहिए।
नई दिल्ली: सेंसर बोर्ड ने आखिरकार अनुसूचित जाति आयोग को विवादित फिल्म आरक्षण दिखा ही दी और आयोग की राय में प्रकाश झा की इस फिल्म में कई जगह आपत्तिजनक संवाद और दृश्य हैं जिन्हें हटाया जाना चाहिए। एससी आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया ने बताया, हमने आयोग के सभी सदस्यों के साथ मंगलवार को यह फिल्म देख ली है। इसमें कई ऐसे संवाद हैं जो अनुसूचित जाति के लिए अपमानजनक हैं। हमने सेंसर बोर्ड से कहा है कि इन संवादों को फिल्म से हटाकर रिलीज किया जाए। अमिताभ बच्चन, मनोज बाजपेयी, सैफ अली खान, प्रतीक बब्बर और दीपिका पादुकोण अभिनीत यह फिल्म 12 अगस्त को देशभर के सिनेमाघरों में उतरेगी। पुनिया ने उदाहरण के तौर पर बताया कि फिल्म में एक जगह कैंटीन में लिखा होता है आरक्षण हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है, इस बारे में कहा गया कि इसकी जगह यह लिखो कि आरक्षण हमारा जन्मसिद्ध खरात है, इस तरह से आरक्षण का मजाक उड़ाया गया है। इस कांग्रेसी नेता ने कहा कि उच्चतम न्यायालय और संविधान कह चुका है कि आरक्षण सही है फिर भी फिल्म में इसे गलत तरीके से दिखाया गया है। उन्होंने कहा, यह फिल्म शिक्षा के व्यवसायीकरण के खिलाफ है, अनुसूचित जाति को अधिकार दिलाने को लेकर जो भूमिका है उसे अमिताभ बच्चन ने निभाया है लेकिन जो संवाद है वह अनुसूचित जाति के लिए अपमानजनक है जो पूरे समाज की समरसता के लिए घातक है। यह पूछे जाने पर कि इन आपत्तिजनक संवादों और दृश्यों को हटाये बगैर ही यदि यह फिल्म रिलीज होती है तो आयोग का क्या कदम होगा, पुनिया ने कहा, हमारा काम (सिफारिश करने का) यहां पूरा हो जाता है। हम झगड़ा तो करने नहीं जा रहे। संवैधानिक संस्था होने के नाते यह हमारा दायित्व था और अनुच्छेद 338 के तहत यह हमारे अधिकार क्षेत्र में आता है। इससे पहले महाराष्ट्र के वरिष्ठ मंत्री और दलित नेता छगन भुजबल भी आरक्षण के कुछ दृश्यों और संवादों को लेकर आपत्ति जता चुके हैं। फिल्म से उठे विवादों के बाद प्रकाश झा ने कल रात दक्षिण मुंबई के एक थियेटर में फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग का आयोजन किया था। फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद भुजबल ने कहा कि फिल्म के कुछ दृश्य और संवाद आपत्तिजनक हैं और इन्हें हटाने के बाद ही फिल्म रिलीज हो सकती है। उन्होंने कहा कि वह दूसरी पार्टी के नेताओं के साथ इस पर चर्चा करेंगे। इसके बाद ही आज इस विषय पर अंतिम निर्णय किया जायेगा। फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग के दौरान महाराष्ट्र के मंत्री शिवाजीराव मोघे और वष्रा गायकवाड भी मौजूद थी। बंबई उच्च न्यायालय हालांकि इस फिल्म की रिलीज को हरी झंडी दिखा चुका है और रिलीज से पहले इसकी विशेष स्क्रीनिंग की मांग अस्वीकार कर चुका है।

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