
दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र 'स्वच्छ भारत' अभियान की तर्ज पर आम आदमी पार्टी ने I Fund Honest Party Challenge शुरू किया है।
इस कैंपन में जो भी यह चुनौती लेगा, वह आम आदमी पार्टी को चंदा देकर 10 और लोगों से पार्टी को चंदा दिलाएगा।
मुहिम की शुरुआत ख़ुद पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने की। उन्होंने पार्टी को 10 हज़ार रुपये का चंदा दिया और 10 लोगों को नॉमिनेट किया। इनमें उद्योगपति राजीव बजाज और अभिनेत्री और पार्टी नेता गुल पनाग जैसे नाम शामिल हैं। अरविंद केजरीवाल के मुताबिक, जैसे 'स्वच्छ भारत' अभियान है, ऐसे ही स्वच्छ राजनीति अभियान है... जब तक राजनीति साफ़ नहीं होगी, तब तक देश साफ़ नहीं होगा।
केजरीवाल के मुताबिक अगर कोई बड़ा कॉरपोरेट घराना चंदे की बड़ी रकम देता है, तो बाद में इसका फायदा भी उठाता है, क्योंकि राजनीतिक पार्टियां चंदा लेने का तरीका पारदर्शी नहीं रखती...इसी वजह से आज की राजनीति में जनता के लिए हितकारी फैसले लेने का अभाव है।
केजरीवाल ने उदाहरण देकर बताया कि अगर कोई बिजली कंपनी किसी पार्टी को चंदा देगी, तो चुनाव के बाद वह चाहेगी कि बिजली के रेट बढ़े....और जनता अगर पैसा और वोट देगी, तो चाहेगी के रेट घटे। इसलिए हम जनता से पैसे मांग रहे हैं।
केजरीवाल ने यह भी कहा कि वह किसी कंपनी के खिलाफ़ नहीं हैं, लेकिन वह किसी कॉरपोरेट से बड़ा चंदा स्वीकार नहीं करेंगे, जिससे चुनाव के बाद कॉरपोरेट उनसे कोई ऐसा काम गलत तरीके से कराने के लिए न कहे।
केजरीवाल ने कहा कि उनका तरीका पारदर्शी है, जबकि बीजेपी वाले कभी अपने चंदा देने वालों का नाम नहीं बताते। उन्होंने यह भी माना कि यह मुहिम राजनीतिक है और दूसरी पार्टियों पर दबाव बनाने का एक तरीका भी है।
दरअसल इस अभियान में आम आदमी पार्टी की रणनीति के तीन पहलू दिख रहे हैं - कुछ पैसा भी आ जाए, कुछ लोग भी जुड़ जाएं और साफ-सुथरी राजनीति का पार्टी का एजेंडा कुछ और आगे बढ़ जाए। देखना है, विपक्ष इस रणनीति की क्या काट खोजता है।
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