विज्ञापन
This Article is From Sep 03, 2016

एक किरण ने ट्यूमर ठीक किया - मिलिए मदर टेरेसा के पहले चमत्कार का दावा करने वाली महिला से

एक किरण ने ट्यूमर ठीक किया - मिलिए मदर टेरेसा के पहले चमत्कार का दावा करने वाली महिला से
मोनिका बसरा का दावा है कि वह मदर टेरेसा के पहले चमत्कार की साक्षी बनी हैं.
कोलकाता: रविवार को जब इटली की वैटिकन सिटी में मदर टेरेसा को संत की उपाधि दी जाएगी, उस वक्त बंगाल के एक छोटे से गांव में एक महिला उनके लिए प्रार्थना कर रही होगी. कोलकाता से 400 किमो दूर एक गांव में रहने वाली आदिवासी मोनिका बसरा का दावा है कि उनके पेट में अल्सर था और 1998 में जब मदर टेरेसा की तस्वीर से निकली कुछ चामत्कारिक किरणों ने उन्हें छुआ तब वह बिल्कुल ठीक हो गईं.

दक्षिण दिंजापुर जिले के एक गांव में एनडीटीवी से बात करते हुए मोनिका ने अपनी आपबीती सुनाई जिसे वह पहले भी कई बार दोहरा चुकी हैं. मोनिका कहती हैं 'जब मैं चर्च में घुसी तो उनकी तस्वीर से निकली एक किरण ने मुझे छुआ. मैं स्तब्ध रह गई. मैं कांपने लगी और मैंने अपनी आंखें बंद कर ली.' फिर 2003 में मोनिका की पोप जॉन पॉल द्वितीय से रोम में मुलाकात हुई. वैटिकन ने उनके दावे की पुष्टि की और मदर टेरेसा को 'धन्य' (बिटिफ़िकेशन) घोषित किया गया. इसके बाद अलबानिया में जन्मी यह नन संतवाद के थोड़ा और करीब पहुंच गईं.

मोनिका कहती हैं 'मदर टेरेसा मेरे लिए ईश्वर की तरह हैं. उन्होंने मुझे ठीक किया. मैं उन्हें हमेशा याद रखूंगी.' 50 साल की मोनिका तीन बच्चों की मां हैं और 18 साल पहले के उस दर्द को वह आज भी याद करती हैं. अल्सर की वजह से वह कई कई दिन न सो पाती थीं और नाही खा पाती थी. कई अस्पतालों और डॉक्टरों के चक्कर लगाने के बाद वह हिम्मत हार चुकी थीं. वह बताती हैं 'मुझे सिलीगुड़ी ले जाया गया. ब्लड टेस्ट के बाद पता चला कि मेरी हालत गंभीर है. मुझे खून चाहिए था. उन्होंनें मुझसे कहा कि अगर वह मुझे बेहोश करेंगे तो फिर मैं उठ नहीं पाऊंगी. उन्होंने कहा कि मैं घर जाऊं और स्वस्थ होने का बाद सर्जरी के लिए लौटूं.'

फिर एक दिन मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी की एक शाखा में उनके पेट का इलाज संभव हो पाया. वहां की नन ने मरीज़ के पेट के आसपास एक लॉकेट बांधा और मोनिका का दावा है कि कुछ ही घंटों में उनका दर्द गायब हो गया. अपनी उस याद को साझा करते हुए मोनिका बसरा कहती हैं 'उन्होंने एक काले धागे के साथ एक लॉकेट मेरे पेट के आसपास बांध दिया. दर्द की वजह से मैं कई दिनों तक सो नहीं पाती थी लेकिन उस दिन मुझे पता ही नहीं चला कि कब मेरी नींद लग गई. जब मैं रात एक बजे उठी तो मुझे पता चला कि ट्यूमर गायब हो गया है. मेरे पास सो रही लड़कियों से मैंने पूछा तो उन्होंने भी बताया कि सूजन जा चुका है.'

हालांकि मोनिका के इस दावे को डॉक्टरों ने चुनौती दी है. उनका इलाज करने वाले डॉक्टर रंजन कुमार मुस्तफी कहते हैं 'चमत्कार जैसा कुछ नहीं होता. मेडिकल साइंस ने उन्हें ठीक किया है.' वहीं बसरा के पति सेंकू मुर्मु कहते हैं 'डॉक्टरों के इलाज से वह ठीक नहीं हुई. उनके पास ऑपरेशन के अलावा उसके ट्यूमर का कोई इलाज ही नहीं था.' मोनिका के इस दावे को कई बार चुनौती दी गई है लेकिन इसमें भी कोई शक नहीं कि मदर टेरेसा को संत की उपाधि मिलने के पीछे मोनिका के इस दावे का बहुत बड़ा हाथ है. मोनिका के अलावा एक ब्राज़ील निवासी का भी दावा था कि मदर टेरेसा की वजह से उनका ब्रेन ट्यूमर चला गया.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com