पेगासस जासूसी कांड समेत अन्य मुद्दों को लेकर विपक्ष लगातार संसद में हंगामा कर रहा है, जिसके चलते संसद के दोनों सदन सुचारू रूप से नहीं चल पा रहे हैं और सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ रहा है. हंगामे के बीच अहम मुद्दों पर चर्चा भी नहीं हो सकी. संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा की कार्यवाही में बाधा पर राज्यसभा सचिवालय ने कहा कि राज्यसभा के 90 सदस्यों को सदन में आम लोगों के हित से जुड़े मुद्दे उठाने का अवसर नहीं मिला.
राज्यसभा के सभापति ने सदन की कार्यवाही में व्यवधान के नतीजों का विवरण भी दिया. सचिवालय की ओर से आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मुताबिक, राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने इस पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि सभापति द्वारा सदस्यों के नोटिस स्वीकार किए जाने के बावजूद कार्यवाही में लगातार व्यवधान के चलते 90 सदस्यों आम लोगों के हित से जुड़े मुद्दे नहीं उठा सके.
सभापति ने शून्यकाल और विशेष उल्लेख के जरिये उठाये जाने वाले उन मुद्दों का उल्लेख किया जिन्हें आसन की ओर से सदन में उठाने की अनुमति दी गयी थी, किंतु सदन में चल रहे हंगामे के कारण उन मुद्दों को नहीं उठाया जा सका. शून्य काल के लिए कुल 69 मुद्दों का उल्लेख किया गया, जिसमें से 12 मुद्दे आज के लिए स्वीकृत थे और 29 विशेष उल्लेख के जरिये उठाए जाने वाले मुद्दे थे. सभी मामलों को सदन में उठाने की अनुमति दी गई थी लेकिन पिछले हफ्ते और आज जारी गतिरोध के कारण इन्हें उठाया नहीं जा सका.
सभापति ने कहा कि "शून्यकाल में 63 सदस्यों के 57 मामलों को उठाने की अनुमति दी गई थी. हालांकि, कार्यवाही में व्यवधान के कारण कोई भी मुद्दा नहीं उठाया जा सका."
इन मामलों में व्यापक मुद्दे शामिल थे, जैसे कोरोना वैक्सीन की कमी,टीकाकरण को समयबुद्ध तरीके से पूरा करने की आवश्यकता, महामारी के कारण बेरोजगारी, ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त करने में छात्रों की समस्याएं; पेट्रोलियम उत्पादों की प्रोसेसिंग में वृद्धि और इसके परिणामस्वरूप आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि, प्रेस की स्वतंत्रता पर कथित हमले, लक्षद्वीप में स्थिति; दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों पर हमले और उनकी हत्या, राज्यों के बीच कावेरी नदी के पानी का बंटवारा- शामिल है.
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