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This Article is From Apr 02, 2020

कोरोनावायरस से लड़ने के लिये सेना के 8,500 डॉक्टर और सपोर्ट स्टाफ नागरिक प्रशासन की मदद के लिये तैयार

सेना के अस्पताल में  9,000 से अधिक बेड कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए उपलब्‍ध हैं .

कोरोनावायरस से लड़ने के लिये सेना के 8,500 डॉक्टर और सपोर्ट स्टाफ नागरिक प्रशासन की मदद के लिये तैयार
कोरोनावायरस से लड़ने के लिये सेना के डॉक्टर और सपोर्ट स्टाफ नागरिक प्रशासन की मदद के लिये तैयार हैं.
नई दिल्ली:

कोरोना वायरस से लड़ने के लिये सेना के 8,500 डॉक्टर और सपोर्ट स्टाफ नागरिक प्रशासन के मदद के लिये तैयार है. इतना ही नहीं सेना के अस्पताल में  9,000 से अधिक बेड कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए उपलब्‍ध हैं . ये सारी बातें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में कोरोनावायरस को लेकर हुई रक्षा मंत्रालय की  बैठक में निकलकर आई .  वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रक्षा मंत्री ने रिव्यू बैठक में सभी संगठनों से सिविलियन अथॉरिटी को मदद पहुंचाने के लिए तैयार रहने को कहा है. इस बैठक में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे,  नौसेना प्रमुख एडमिरल  कर्मवीर सिंह और वायु सेना चीफ  एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदोरिया और डीआरडीओ प्रमुख जी सतीश रेड्डी  मौजूद थे.

सीडीएस जनरल विपिन रावत ने रक्षा मंत्री को जानकारी दी कि कोरोना वायरस के इलाज के लिये अलग से अस्पतालों की पहचान की गई है जिसमें नौ हजार के करीब बेड खासतौर से कोरोना पीड़ितों के लिये होंगे. जनरल रावत ने रक्षा मंत्री को ये भी बताया कि अलग अलग देशों से लाये करीब 1,000  लोगों को  जैसलमेर, जोधपुर  चेन्नई , मानेसर, हिंडन और मुबई  में क्वॉरेंटाइन किया गया है जिसकी समय सीमा 7 अप्रैल को खत्म हो जाएगी . 

वही सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने बताया कि करीब 8,500  आर्मी के डॉक्टर और सपोर्ट स्टाफ कोरोना से लड़ने के लिए नागरिक प्रशासन के मदद के लिए तैयार हैं . वायु सेना चीफ  एयर चीफ मार्शल  ने कहा कि वायुसेना के विमान लगातार मेडिकल साजोसमान  देश के अलग-अलग कोने तक पहुंचा रहे हैं . अब तक करीब 25 टन मेडिकल सप्लाई को अलग अलग इलाकों में पहुंचाया गया है . नौसना प्रमुख एडमिरल कर्मवीर सिंह ने बताया कि नौसेना के युद्धपोत  सिविलियन अथॉरिटी  की हर संभव मदद के लिए तैयार खड़े हैं तो डीआरडीओ प्रमुख ने रक्षा मंत्री को बताया कि करीब 50,000 लीटर सैनिटाइजर दिल्ली पुलिस सहित कई सुरक्षा एजेंसियों को दिया गया है . साथ ही 40 हजार मॉस्क दिल्ली पुलिस को सप्लाई किए गए हैं . 

डीआरडीओ की लैब में  रोजाना 20,000 पीपीई किट बनाने की तैयारी की जा रही है और वेटेलिंटर को इस तरह मोडिफाई किया गया है कि एक मशीन से एक ही वक्त में चार मरीजों को सपोर्ट दे सकता है . डीआरडीओ के साथ आर्डिनेस फैक्ट्री बोर्ड भी सेनेटाइजर, फेस मास्क और पीपीई बनाने में जुट गई है . इतना ही नही 25,000 एनसीसी कैडेट को  भी नागरिक प्रशासन के मदद के लिये तैयार रहने को कहा गया है . साफ है कि रक्षा मंत्रालय कोरोना की चुनौती से निपटने के लिये हर तरीके से तैयारी में जुटा है . 

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