नई दिल्ली:
गुजरात में निकाय चुनावों का पहला दौर शुरू हो गया है। पहले चरण में छह जिलों में वोटिंग हो रही है। इनमें अहमदाबाद, सूरत, वड़ोदरा, राजकोट, भावनगर और जामनगर की महानगरपालिका शामिल है। पहले चरण में सिर्फ शहरी इलाकों में ही वोटिंग हो रही है।
आज सुबह बीजेपी के वरिष्ठ नेता आडवाणी और राज्य की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने मतदान किया। इस चुनाव में बीजेपी और मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की साख दांव पर लगी हुई है, क्योंकि इस बार आनंदी बेन पटेल के सामने पाटीदार समाज चुनावी मैदान में है। पाटीदार समाज सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थाओं में आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे है। दूसरे चरण में 29 नवंबर को नगरपालिका, ज़िला और तहसील पंचायतों को लिए वोट डाले जाएंगे।
ये चुनाव मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के लिए इसलिए भी बेहद महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद वो मुख्यमंत्री बनी थीं और ये पिछले 15 साल में पहली बार है कि नरेंद्र मोदी की गैर मौजूदगी में राज्य में बड़े चुनाव हो रहे हैं।
ऐसे में बिहार चुनाव के बाद अगर गुजरात में भी परिणाम अपेक्षित नहीं आता है तो आनंदी बेन के साथ पीएम नरेंद्र मोदी की छवि पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
आज सुबह बीजेपी के वरिष्ठ नेता आडवाणी और राज्य की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने मतदान किया। इस चुनाव में बीजेपी और मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की साख दांव पर लगी हुई है, क्योंकि इस बार आनंदी बेन पटेल के सामने पाटीदार समाज चुनावी मैदान में है। पाटीदार समाज सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थाओं में आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे है। दूसरे चरण में 29 नवंबर को नगरपालिका, ज़िला और तहसील पंचायतों को लिए वोट डाले जाएंगे।
ये चुनाव मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के लिए इसलिए भी बेहद महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद वो मुख्यमंत्री बनी थीं और ये पिछले 15 साल में पहली बार है कि नरेंद्र मोदी की गैर मौजूदगी में राज्य में बड़े चुनाव हो रहे हैं।
ऐसे में बिहार चुनाव के बाद अगर गुजरात में भी परिणाम अपेक्षित नहीं आता है तो आनंदी बेन के साथ पीएम नरेंद्र मोदी की छवि पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है।