
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल. (File Photo)
नई दिल्ली:
क्या दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस से गठबंधन करेगी? पिछले कुछ समय से यह चर्चा लगातार चल रही है क्योंकि माना यह जाता है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का वोट बैंक लगभग एक है ऐसे में पीएम मोदी और बीजेपी को हराने के लिए अगर दोनों साथ नहीं आएंगे तो संभावना है कि दोनों को ही नुकसान हो और बीजेपी बाजी फिर से मार ले जाए.
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से शनिवार को गठबंधन के बारे में सीधा सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मेरा अपना यह मानना है कि नरेंद्र मोदी जी और अमित शाह जी की जो जोड़ी है यह इस देश के वर्तमान और भविष्य के लिए बेहद खतरनाक है. अगर 2019 में यह दोबारा आ जाते हैं तो इस देश के संविधान को भी नहीं छोड़ेंगे. संविधान नहीं बचेगा, संविधान बदल देंगे कुछ नहीं बचेगा. हर देश भक्त नागरिक की ये जिम्मेदारी है कि जो भी जरूरत पड़े इन दोनों की जोड़ी को इस बार हराया जाए और उस को हराने के लिए हम जो भी कदम उठा सकते हैं वो उठाएंगे.'
2019 लोकसभा चुनाव में AAP करेगी कांग्रेस से गठबंधन? क्या होंगे इसके मायने
अरविंद केजरीवाल के बयान से यह साफ है कि आम आदमी पार्टी अब कांग्रेस से गठबंधन करने के लिए तैयार दिख रही है जबकि चार महीने पहले अगस्त महीने में जब हरियाणा के रोहतक में केजरीवाल से महागठबंधन में शामिल होने को लेकर सवाल पूछा गया था तो उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा था, 'मेरी सीधी राजनीति जनता की राजनीति है, जनता के विकास की राजनीति है. जनता के हितों की राजनीति है. हमारी कोई गठबंधन को राजनीति नहीं. हमारी सीधी जनता की राजनीति है.'
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दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल के 4 महीने पहले और अब दिए गए बयान से यह साफ संकेत मिल रहे हैं कि अब आम आदमी पार्टी गठबंधन के लिए तैयार है. कांग्रेस के साथ रिश्तों में आई खटास फिलहाल दूर हो गई लगती है. 30 नवंबर 2018 को दिल्ली के संसद मार्ग पर किसान आंदोलन के दौरान अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एक मंच पर दिखाई दिए थे, यही नहीं बीते सोमवार को विपक्षी दलों की हुई बैठक में पहली बार केजरीवाल शामिल हुए थे. इसके साथ ही तीन राज्यों में सोमवार को कांग्रेस की सरकारें शपथ लेने जा रही है, जिसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को न्योता दिया गया है. देखना होगा कि क्या कांग्रेस सरकारों के शपथ ग्रहण समारोह में केजरीवाल जाएंगे?
हालांकि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन कैसे होगा? कितनी सीटों पर होगा? किन किन राज्यों में होगा? इस पर अभी भी कई सवाल हैं जिनका सीधा जवाब अभी नहीं मिल पा रहा है
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क्या हैं AAP- कांग्रेस गठबंधन में पेंच?
- आम आदमी पार्टी का जन्म ही कांग्रेस विरोध को लेकर हुआ था. ऐसे में कांग्रेस से गठबंधन करने से आम आदमी पार्टी नैतिक नुकसान होगा साथ ही भारी आलोचना भी झेलनी पड़ सकती है
- दिल्ली में आम आदमी पार्टी सत्ता में है ऐसे में यहां सीटें आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को देनी है. लेकिन पंजाब जहां पर कांग्रेस सत्ता में है और आम आदमी पार्टी मुख्य विपक्षी पार्टी है. क्या कांग्रेस आम आदमी पार्टी को वहां सीटें देने को तैयार होगी? क्योंकि पंजाब विधानसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी बनने के बाद आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है. गुरदासपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में आप प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई थी जबकि स्थानीय निकाय के चुनावों में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था. यही नहीं पार्टी फिलहाल वहां भारी गुटबाजी से जूझ रही है.
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- कांग्रेस से गठबंधन केवल लोकसभा चुनाव के लिए ही होगा या 2020 के शुरू में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भी होगा?
- पंजाब में आम आदमी पार्टी मुख्य विपक्षी पार्टी है और कांग्रेस सत्ताधारी पार्टी ऐसे में अगर पहले नंबर की पार्टी और दूसरे नंबर की पार्टी मिल जाएंगी तो फिर आम आदमी पार्टी वहां पर किसके खिलाफ राजनीति करेगी?
- आम आदमी पार्टी हरियाणा में भी इस समय पूरी ताकत झोंके हुए हैं. हर हफ्ते खुद अरविंद केजरीवाल हरियाणा के अलग-अलग हिस्सों में जनसभा करके दिल्ली की सरकार का बखान कर के प्रचार कर रहे हैं. क्या आम आदमी पार्टी हरियाणा की 10 सीटों में से कांग्रेस से कुछ सीटें मांगेगी और क्या कांग्रेस आम आदमी पार्टी का हरियाणा में जनाधार मानते हुए सीटें देगी फिलहाल यह भी एक सवाल है.
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अरविंद केजरीवाल के बयान से यह साफ है कि आम आदमी पार्टी अब कांग्रेस से गठबंधन करने के लिए तैयार दिख रही है जबकि चार महीने पहले अगस्त महीने में जब हरियाणा के रोहतक में केजरीवाल से महागठबंधन में शामिल होने को लेकर सवाल पूछा गया था तो उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा था, 'मेरी सीधी राजनीति जनता की राजनीति है, जनता के विकास की राजनीति है. जनता के हितों की राजनीति है. हमारी कोई गठबंधन को राजनीति नहीं. हमारी सीधी जनता की राजनीति है.'
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