विज्ञापन
This Article is From Apr 25, 2017

1984 सिख विरोधी दंगा मामला : केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 199 केसों की फाइल पेश की

1984 सिख विरोधी दंगा मामला : केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 199 केसों की फाइल पेश की
सुप्रीम कोर्ट ने 1984 सिख विरोधी दंगों की जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिए. (फाइल फोटो)
  • अटॉर्नी जनरल ने पीठ से कहा कि इस घटना को 33 वर्ष बीत गए हैं.
  • आखिर किन आधारों पर इन मामलों की जांच आगे नहीं बढ़ाई गई- सुप्रीम कोर्ट
  • सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से 199 मामलों को बंद करने के कारण बताने को कहा ह.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्‍ली: 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में मंगलवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 199 केसों की फाइल पेश की. अदालत ने केंद्र को कहा है कि इन फाइलों की फोटोकॉपी सीलबंद लिफ़ाफ़े में कोर्ट में जमा की जाए. अदालत ने कहा कि इस मामले की सुनवाई अब आगामी 2 अगस्त को होगी.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट 1984 सिख विरोधी दंगों की जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है. पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार की ओर से गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा 1984 दंगों से संबंधित 293 में से 240 मामलों को बंद करने के निर्णय पर 'संदेह' जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इनमें 199 मामलों को बंद करने के कारण बताने को कहा है.

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से यह जानना चाहा कि आखिर किन आधारों पर इन मामलों की जांच आगे नहीं बढ़ाई गई. पीठ ने सरकार को जवाब देने के लिए 25 अप्रैल तक का वक्त दिया है.

इससे पहले अटॉर्नी जनरल ने पीठ से कहा कि इस घटना को 33 वर्ष बीत गए हैं. उन्होंने कहा कि पीडि़तों और चश्मदीदों की खोज-खबर नहीं है. ऐसे में जांच कैसे संभव है.

वहीं, दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अरविंद दत्तार ने अटॉर्नी जनरल की दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि अब तक  यह जानकारी सार्वजनिक नहीं है कि आखिरकार एसआईटी ने 80 फीसदी मामलों को क्यों बंद कर दिया. उन्होंने बताया कि ट्रायल कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट नहीं दाखिल की गई है. उन्होंने कहा कि यह तो पता चलना ही चाहिए कि आखिरकार इन मामलों को क्यों बंद किया गया.

दरअसल, एनडीए सरकार ने 12 फरवरी, 2015 को आईपीएस अधिकारी प्रमोद अस्थाना की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया था. एसआईटी में पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश कपूर और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त कुमार ज्ञानेश सदस्य हैं. एसआईटी को 293 मामलों की पुन: जांच करने के लिए कहा गया था. इनमें से 199 मामलों को इसलिए बंद कर दिया गया, क्योंकि उपलब्ध साक्ष्य को अपर्याप्त बताया गया. एसआईटी ने 59 मामलों की जांच की. इनमें से भी 34 मामलों में क्लोजर दाखिल की गई. चार मामलों में चार्जशीट दायर की गई. चार मामलों को ट्रायल के लिए उपयुक्त माना गया. इनमें से दो मामलों में आरोपियों की मौत होने के कारण बंद कर दिया गया. 17 मामलों की जांच चल रही है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com