मुंबई: महाराष्ट्र के 44 हजार में से 14 हजार 708 गावों को सूखा प्रभावित घोषित किया गया है। मानसून की बारिश बहुत कम होने और पानी की किल्लत से फसलें बर्बाद होने से राज्य के किसान परेशान हैं। उन्हें राज्य की बीजेपी सरकार मदद करने का दावा कर रही है। सरकार के ऐलान से किसानों को सूखा राहत के लिए फौरी तौर पर मदद की कोशिश मुमकिन होगी। राज्य सरकार के सूखाग्रस्त गावों की फेहरिस्त में मराठवाड़ा के सारे जिले शामिल हैं।
राज्य कैबिनेट की उपसमिति की बैठक के बाद कृषिमंत्री एकनाथ खड़से ने मुम्बई में संवाददाताओं को बताया कि यह महाराष्ट्र के इतिहास में पहली बार है कि अक्तूबर में राज्य के हालात भांपकर सूखे का ऐलान हुआ हो। इससे पहले यह ऐलान दिसंबर में होता था। इससे किसानों को राहत मिलने में देरी होती थी।
सूखे से निबटने के लिए विशेष योजना
सरकार ने अपने आदेश में सूखे से निबटने के लिए विशेष योजना का ऐलान किया है। इसके तहत कृषि पम्प के बिजली के मौजूदा बिल में 33.50 फीसदी माफ होगा। सूखाग्रस्त छात्रों की स्कूल और कालेज की फीस माफ होगी। और कपास, सोयाबीन, मक्का, ज्वार एवं धान की सरकारी खरीदी के लिए विशेष केंद्र शुरू होंगे।
विपक्ष ने किया स्वागत
इस सरकारी ऐलान का विपक्ष ने स्वागत किया है। महाराष्ट्र विधान परिषद में नेता विपक्ष धनंजय मुंडे ने NDTV इण्डिया से बात करते हुए कहा कि सरकार को अब किसानों के लिए कर्ज़ माफ़ी का ऐलान भी जल्द करना होगा। यही किसानों के लिए असली राहत होगी।
महाराष्ट्र की तिजोरी में फिलहाल 930 करोड़ रुपये की राशि सूखा राहत के लिए मौजूद है। इसमें 470 करोड़ रुपये केंद्र का योगदान है।