अगले महीने देश में टीकाकरण की रफ्तार बढ़ने की संभावना नहीं, वैक्सीन पर केंद्र के आंकड़ों से समझें

22 जून से 26 जून के बीच भारत प्रतिदिन 54 से 65 लाख खुराकें दे रहा है, जो कि जुलाई में में एक दिन में 40 लाख खुराक की अनुमानित आपूर्ति से अधिक है. 

अगले महीने देश में टीकाकरण की रफ्तार बढ़ने की संभावना नहीं, वैक्सीन पर केंद्र के आंकड़ों से समझें

दिसंबर तक वैक्सीन की 135 करोड़ डोज उपलब्ध होंगी (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ देश में टीकाकरण अभियान (India Vaccination Drive) चल रहा है. केंद्र की ओर से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कोरोना का टीका (COVID Vaccine) उपलब्ध कराया जा रहा है. जुलाई महीने में कोविड वैक्सीन आपूर्ति पर सरकार के नवीनतम आंकड़े बताते हैं कि राज्यों को इस महीने जितनी वैक्सीन दी जानी है उस हिसाब से दैनिक टीकाकरण का लक्ष्य पीछे छूट सकता है. 

सरकार ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करके बताया कि जुलाई में राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को वैक्सीन की 12 करोड़ डोज मुहैया कराई जाएगी. इसमें सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन कोविशील्ड की 10 करोड़ खुराक और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन की 2 करोड़ डोज शामिल है. 

इसका मतलब है कि 12 करोड़ टीकों के हिसाब से हर दिन औसतन देश में करीब 40 लाख खुराकें ही दी जा सकेंगी, जो कि एक दिन में एक करोड़ टीके लगाए जाने के लक्ष्य से काफी कम है. इस लिहाज से एक दिन में एक करोड़ टीके लगाए जाने का लक्ष्य अगले माह भी पूरा होता नहीं दिख रहा है. केंद्र का बयान देश में कोविड की तीसरी लहर से बचने के लिए टीके के लक्ष्यों को पूरा करने पर सवाल उठाता है. 

जून महीने में टीकाकरण की रफ्तार में तेजी देखी गई. एक जून से 27 जून तक देश में करीब 10.8 करोड़ खुराकें लोगों को दी गईं. औसतन एक दिन में करीब 40 लाख खुराकें लगीं. हो सकता है कि अगले महीने टीकाकरण की रफ्तार में कोई खास तेजी न आए. 

वहीं, 22 जून से 26 जून के बीच भारत प्रतिदिन 54 से 65 लाख खुराकें दे रहा है, जो कि जुलाई में एक दिन में 40 लाख खुराक की अनुमानित आपूर्ति से अधिक है. 

सरकार से शीर्ष न्यायालय में यह भी कहा कि दिसंबर तक वैक्सीन की 135 करोड़ डोज उपलब्ध होंगी, जो स्वास्थ्य मंत्रालय के पिछले महीने आए अनुमान से काफी कम है. पिछले महीने एक प्रस्तुति में, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अनुमान जताया था कि साल के अंत तक 216 करोड़ से अधिक खुराकें उपलब्ध होंगी.   

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