
- सांसद शांभवी चौधरी ने कहा कि नया भारत आतंकी हमलों के बाद मोमबत्तियां नहीं दुश्मनों की चिता जलाता है.
- 27 साल की युवा सांसद शांभवी चौधरी ने कहा कि इतिहास में ऑपरेशन सिंदूर को स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा.
- उन्होंने कहा कि जब धैर्य का बांध टूट जाता है तो भय के बिना उसका कोई उपचार नहीं बचता है.
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सोमवार को लोकसभा में चर्चा हुई. इस मुद्दे पर लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) की पार्टी की 27 साल की सांसद शांभवी चौधरी ने कहा कि यह नया भारत है जो आतंकी हमलों के बाद मोमबत्तियां नहीं जलाता है बल्कि दुश्मनों की चिता जलाता है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी युवा सांसद के भषण के दौरान टेबल थपथपाते नजर आए. अब उनके भाषण की काफी चर्चा हो रही है.
शांभवी चौधरी ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान कहा कि इतिहास में ऑपरेशन सिंदूर को स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा. इसने भारत के लिए एक न्यू नॉर्मल के रूप में स्थापित किया है. उन्होंने कहा, इस न्यू नॉर्मल की नींव सदियों पहले रामचरितमानस में लिख दी गई थी, जिसकी चौपाई है - विनय ने माने जलधि जड़, गए तीन दिन बीत, बोले राम सकोप तब भय बिन होई न प्रीत. इसका अर्थ है कि विनय और धैर्य जरूर ही महत्वपूर्ण गुण है, लेकिन जब धैर्य का बांध टूट जाता है तो भय के बिना उसका कोई उपचार नहीं बचता है."
'पहलगाम से ज्यादा इन्हें फिलीस्तीन का दुख..'
— NDTV India (@ndtvindia) July 28, 2025
सांसद शांभवी चौधरी ने संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान विपक्ष पर तीखा हमला बोला.#OperationSindoor pic.twitter.com/z9tpDBowlq
राष्ट्र हित की बात हो तो... : शांभवी चौधरी
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के दृढ़ संकल्प और सेनाओं के अदम्य शौर्य की वजह से नए भारत को विश्व स्तर पर स्थापित किया गया है. यह नया भारत वो है जो शांति के लिए गौतम बुद्ध और महावीर के पथ पर चलता है, लेकिन जब राष्ट्र हित की बात हो तो श्रीराम के धनुष और कृष्ण के सुदर्शन को भी उठाना जानता है.
उन्होंने कहा कि आज भी हमारे देश में ऐसे लोग हैं, जिन्हें पहलगाम से ज्यादा दुख फिलीस्तीन के लिए होता है, क्योंकि यह उनकी राजनीति को फायदा नहीं देता है.
डिप्लोमेसी से डेस्ट्रक्शन का रास्ता भी जानता है: शांभवी चौधरी
उन्होंने कहा कि हम बता देना चाहते हैं कि यह नया भारत है जो आतंकी हमलों के बाद मोमबत्तियां नहीं जलाता है बल्कि दुश्मनों की चिता को जलाता है. यह शांति चाहता है, लेकिन अपनी शर्त पर चाहता है और अगर इस शर्त को पूरा नहीं किया जाए तो डिप्लोमेसी से डेस्ट्रक्शन तक का भी रास्ता जानता है.
शांभवी चौधरी ने कहा कि कांग्रेस कभी भी 1971 का क्रेडिट बिहार के बेटे जगजीवन राम जी को नहीं देते हैं जो तत्काली रक्षा मंत्री थे. बांग्लादेश ने उन्हें 1971 का वार हीरो डिक्लेयर किया था और जंग के बाद भी उन्होंने सैनिकों के रिहेबिलेशन के लिए काम किया था. कांग्रेस पार्टी इसे कभी की रिकॉग्नाइज नहीं करेगी क्योंकि उन्हें दलित नेतृत्व से दिक्कत है.
सेना से सवाल नहीं पूछे जाते, उन्हें सलामी दी जाती है: शांभवी चौधरी
इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, "आश्चर्य की बात है कि हमारे दुश्मन देश में एक युवा नेता है और एक युवा नेता हमारे विपक्ष में है. दुश्मन देश का सदन अलग है, हमारे देश का सदन अलग है, वहां के नेता अलग हैं, यहां के नेता अलग है, लेकिन इनका सवाल एक ही है. विपक्ष का सवाल और दुश्मन देश के नेता का सवाल एक कैसे हो सकता है.
साथ ही चौधरी ने कहा, "मैं विपक्ष के साथियों को चुनौती देती हूं. अपनी राजनीति से ऊपर उठकर के राष्ट्र हित की सोचनी चाहिए. अगर सरहद पर सेना लड़ रही हो तो उनसे सवाल नहीं पूछे जाते हैं, उन्हें सलामी दी जाती है."
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