
हिमाचल की मंडी विधानसभा सीट पर चुनाव हो सकता है दिलचस्प (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
हिमाचल में चुनाव प्रचार खत्म हो चुका है और अब नेता डोर टू डोर कैंपेनिंग में लगे हुए हैं. यहां कल (नौ नवंबर) को वोटिंग होनी है और फिर सभी उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद हो जाएगा वहीं हिमाचल की मंडी सीट पर चुनाव कुछ दिलचस्प होने वाला है. यहां हिमाचल के दो दिग्गज नेताओं के बेटा-बेटी आमने सामने हैं. मंडी सीट पर चुनाव इसलिए भी रोचक होने की उम्मीद है क्योंकि पिछली बार के विजेता उम्मीदवार इस बार कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं.
हिमाचल प्रदेश : सोलन विधानसभा चुनाव पर हैं सबकी नजरें, यहां ससुर और दामाद हैं आमने-सामने
हिमाचल के जिन दो दिग्गज नेताओ की बात हम कर रहे हैं उनमें से एक है सुखराम और दूसरे हैं स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर. सुखराम यूं तो कांग्रेस में ही रहे और उनके बेटे अनिल शर्मा भी वीरभद्र सिंह की सरकार में मंत्री थे लेकिन उन्होंने कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं. पिछले विधानसभा चुनावों में उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार दुर्गादत्त को करीब चार हजार वोटों से हराया था. अनिल शर्मा को 20866 वोट मिले थे. मंडी की विधानसभा सीट पर अनिल शर्मा की जीत पक्की लग रही है क्योंकि उनके पास अपने पिता सुखराम का सियासी रसूख तो है ही साथ में वह मौजूद विधायक भी हैं.
वहीं स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने मंडी की सीट से अपनी बेटी चंपा ठाकुर को टिकट दिलाई है. चंपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती इस बात की है कि उनके पिता खुद द्रंग सीट से चुनावी मैदान में है ऐसे में वह अपने बेटी की सीट पर उतना प्रचार नहीं कर सके. वहीं मंडी विधानसभा सीट में आने वाली दो जिला परिषद वार्डों में अच्छी पकड़ है. इतना ही नहीं इस सीट पर महिला वोटरों की संख्या ज्यादा है और कांग्रेस को इसका फायदा मिल सकता है. इस सीट पर कुल 68700 उम्मीदवार हैं जिसमें से 33636 पुरुष वोटर हैं और 35064 महिला वोटर हैं.
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हिमाचल के जिन दो दिग्गज नेताओ की बात हम कर रहे हैं उनमें से एक है सुखराम और दूसरे हैं स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर. सुखराम यूं तो कांग्रेस में ही रहे और उनके बेटे अनिल शर्मा भी वीरभद्र सिंह की सरकार में मंत्री थे लेकिन उन्होंने कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं. पिछले विधानसभा चुनावों में उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार दुर्गादत्त को करीब चार हजार वोटों से हराया था. अनिल शर्मा को 20866 वोट मिले थे. मंडी की विधानसभा सीट पर अनिल शर्मा की जीत पक्की लग रही है क्योंकि उनके पास अपने पिता सुखराम का सियासी रसूख तो है ही साथ में वह मौजूद विधायक भी हैं.
वहीं स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने मंडी की सीट से अपनी बेटी चंपा ठाकुर को टिकट दिलाई है. चंपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती इस बात की है कि उनके पिता खुद द्रंग सीट से चुनावी मैदान में है ऐसे में वह अपने बेटी की सीट पर उतना प्रचार नहीं कर सके. वहीं मंडी विधानसभा सीट में आने वाली दो जिला परिषद वार्डों में अच्छी पकड़ है. इतना ही नहीं इस सीट पर महिला वोटरों की संख्या ज्यादा है और कांग्रेस को इसका फायदा मिल सकता है. इस सीट पर कुल 68700 उम्मीदवार हैं जिसमें से 33636 पुरुष वोटर हैं और 35064 महिला वोटर हैं.
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