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This Article is From Jul 11, 2018

अंतरराष्‍ट्रीय जनसंख्‍या दिवस के बारे में सबकुछ, क्या है इतिहास और महत्व

पहली बार 1968 में 'मानवाधिकार पर अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन' में परिवार नियोजन को भी एक मानवाधिकार माना गया.

अंतरराष्‍ट्रीय जनसंख्‍या दिवस के बारे में सबकुछ, क्या है इतिहास और महत्व

हर साल 11 जुलाई को World Population Day मनाया जाता है. अंतरराष्‍ट्रीय जनसंख्‍या दिवस का उद्देश्य जनसंख्‍या में होती बढ़ोतरी पर जागरुकता फैलाना का प्रयास किया जाता है. इसके जरिए जनसंख्या पर नियंत्रण रखने की अहमियत लोगों तक पहुंचाना ही पहला उद्देश्य होता है. इसी के साथ उन कारणों पर भी चर्चा की जाती है कि साल दर साल जनसंख्या बढ़ने का बड़ा कारण क्या है. भारत जैसे देश में यह दिन खास महत्व रखता है, क्योंकि हमारा देश दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले देशों में से एक है. 

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क्या है इतिहास

World Population Day 2018 11 जुलाई को मनाया जा रहा है. पहली बार साल 1989 में यूएनडीपी ने इस दिन को मनाने की शुरुआत की. साल 2012 में वर्ल्ड पॉपुलेशन डे का थीम "Universal Access to Reproductive Health Services" था. उस समय जनसंख्या 7,025,071,966 थी. इस साल यह 'Family Planning is a Human Right.' परिवार नियोजन: एक मानवाधिकार. 

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फेक्ट फाइल 
- Worldometers के अनुसार इस समय दुनिया की जनसंख्‍या 7.6 बिलियन है. 
- चीन (141 करोड़) विश्‍व की सबसे ज्‍यादा जनसंख्‍या वाला देश है. 
-चीन के बाद भारत और भारत के बाद अमेरिका सबसे ज्यादा पॉपुलेशन वाले देश हैं. जिनकी जनसंख्या क्रमश: 135 करोड़ और 32.67 करोड़ है.
-पहली बार 1968 में 'मानवाधिकार पर अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन' में परिवार नियोजन को भी एक मानवाधिकार माना गया.

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