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This Article is From Dec 15, 2019

Allergies: हर तीसरा भारतीय है एलर्जी से प्रभावित, ज्यादातर को नहीं मिलता सही इलाज

Allergies: एलर्जी एक ऐसी स्थिति है, जो किसी चीज को खाने या उसके संपर्क में आने पर आपको बीमार अनुभव कराती है. किसी व्यक्ति को एलर्जी (Allergies) तब होती है, जब उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) कमजोर होती है. यह शरीर के लिए हानिकारक है.

Allergies: हर तीसरा भारतीय है एलर्जी से प्रभावित, ज्यादातर को नहीं मिलता सही इलाज
Allergies: एलर्जी किसी चीज को खाने या उसके संपर्क में आने पर आपको बीमार अनुभव कराती है.
  • डॉक्टर से मिलने के लिए एलर्जी सबसे आम कारणों में से एक है.
  • भारत में एलर्जी का नहीं मिलता सही इलाज स्टडी में आया सामने.
  • एलर्जी वाले एक चौथाई लोगों को अस्थमा होने की संभावना होती है.
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Allergies: एलर्जी एक ऐसी स्थिति है, जो किसी चीज को खाने या उसके संपर्क में आने पर आपको बीमार अनुभव कराती है. किसी व्यक्ति को एलर्जी (Allergies) तब होती है, जब उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) कमजोर होती है. यह शरीर के लिए हानिकारक है. एलर्जी होने का कोई निश्चित मौसम नहीं होता है. एक न्यूज वेबसाइट में पब्लिस स्टडी के अनुसार, डॉक्टर से मिलने के लिए एलर्जी दुनियाभर में से होने वाले सबसे आम कारणों में से एक है. एलर्जी से हर तीसरा भारतीय प्रभावित है. लेकिन भारत में एलर्जी का इलाज पूरी तरह से राहत देने वाला नहीं है. एक नए अध्ययन में पाया गया कि नाक के स्प्रे जो कि एलर्जी राइनाइटिस से राहत देने का काम करते हैं, केवल 571 रोगियों में से 26% को ही इसकी आवश्यकता थी. यह भी पाया गया कि 1,030 रोगियों में से केवल 4 को "एलर्जी के टीके" दिए गए थे जो सिर्फ 6 महीने तक राहत दे सकते हैं, अध्ययन के लेखक और एलर्जी विशेषज्ञ डॉ. वकार शेख का कहना है कि वह इस महामारी के लिए एलर्जी विशेषज्ञों की कमी खराब इलाज को दोषी मानते हैं.”

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उन्होंने कहा, "यह खेदजनक है कि भारत में ग्रेजुएशन और पोस्टग्रेजुएशन दोनों में मेडिकल छात्रों को एलर्जी संबंधी बीमारियों के शिक्षण और प्रशिक्षण से अवगत नहीं कराया जाता है." एलर्जी को अक्सर एक मामूली बीमारी के रूप में देखा जाता है, लेकिन एक स्वीडिश अध्ययन ने अनुमान लगाया कि एलर्जी राइनाइटिस या हे फीवर (हवा में एलर्जी के कारण नाक में एक प्रकार की सूजन) की मेडिकल लागत हर साल लगभग 5.3 बिलियन आती है.

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2aclrn7oAllergies: भारत में एलर्जी का इलाज पूरी तरह से राहत देने वाला नहीं 

एलर्जी के टीके पूरी तरह से मान्य नहीं 

एलर्जी राइनाइटिस वाले एक चौथाई लोगों को अस्थमा होने की संभावना है, सांस से जुड़ी बीमारियां और फेंफड़े की बीमारी अस्पताल में भर्ती होने का एक सामान्य कारण है. जर्नल ऑफ इवोल्यूशन ऑफ मेडिकल एंड डेंटल साइंसेज के जर्नल में हाल ही में प्रकाशित अध्ययन में 1,030 रोगियों को देखा गया, जिनका इलाज त्वचा विशेषज्ञों की बजाय सर्जन करते थे. "उन्हें एलर्जी विशेषज्ञों द्वारा इलाज नहीं मिल रहा था. 386 अस्थमा रोगियों में से केवल आधे को पहले इनहेलर्स का उपयोग करने की सलाह दी गई थी. इसके अलावा, 90% से अधिक रोगियों को घरघराहट को रोकने के लिए एक दवा दी गई थी. डॉ. शेख कहते हैं कि हालांकि मुझे लगा कि किसी को भी इसकी जरूरत नहीं है” डॉ. शेख बायकुला में स्टेट रन जेजे अस्पताल में प्रोफेसर हैं.

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ngl4381Allergies: भारत में एलर्जी के ज्यादातर रोगियों को नहीं मिलता सही इलाज 

एलर्जी की समस्या के बारे में हिंदुजा अस्पताल, के डॉ. लैंसेलोट पिंटो ने कहा कि एलर्जी अभी भी अपनी प्रारंभिक अवस्था में है, "एलर्जी अनुसंधान इस तथ्य को प्रमाणित नहीं कर सकता कि कोई भी आसानी से यह निर्धारित कर दे कि कि कोई व्यक्ति एलर्जी से पीड़ित है. बेंगलुरु से मुंबई जाने वाले एक विजिटर को नमी से संबंधित त्वचा की एलर्जी हो सकती है जबकि बेंगलुरु का दौरा करने वाला मुंबईवाला पराग एलर्जी से प्रभावित हो सकता है. 

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एक सीनियर डॉक्टर ने कहा कि एलर्जी के टीके अभी तक पूरी तरह से मान्य नहीं किए गए हैं. “हैदराबाद में दी जाने वाली मछली चिकित्सा को एक मौखिक टीका माना जा सकता है, लेकिन इसे उपचार के रूप में मान्य नहीं किया गया है. कई होम्योपैथी चिकित्सक मौखिक टीके लगाते हैं.

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