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This Article is From Nov 19, 2017

शरद यादव ने दी कांग्रेस को सलाह, बोले- विपक्ष की एकजुटता ही भाजपा को हराने का एकमात्र तरीका

वरिष्ठ सांसद व समाजवादी नेता शरद यादव ने गुजरात विधानसभा चुनाव में विपक्ष की एकजुटता को ही भाजपा को हराने का एकमात्र तरीका बताया.

शरद यादव  ने दी कांग्रेस को सलाह, बोले- विपक्ष की एकजुटता ही भाजपा को हराने का एकमात्र तरीका
शरद यादव (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: वरिष्ठ सांसद व समाजवादी नेता शरद यादव ने गुजरात विधानसभा चुनाव में विपक्ष की एकजुटता को ही भाजपा को हराने का एकमात्र तरीका बताते हुये कहा है कि चुनाव में कांग्रेस को जिम्मेदारी से अपनी भूमिका का निर्वाह करना होगा.’ यादव ने कहा कि है कि गुजरात में चूंकि विपक्ष की ओर से कांग्रेस ड्राईविंग सीट पर बैठी है, लिहाजा उसकी यह जिम्मेदारी है कि वह राज्य में राजनीतिक कौशल और उदारता के साथ अलग-अलग सामाजिक ताकतों को एकजुट करे. उन्होंने कहा कि कोई कारण नहीं है कि कांग्रेस अपनी इस जिम्मेदारी को निभाने से पीछे हटेगी। गुजरात में सीटों के बंटवारे को लेकर मतभेद की खबरों के बीच यादव ने बातचीत में कहा कि चूंकि कांग्रेस लंबे समय तक अकेल सत्ता में रही है, इसलिए पहले वह गठबंधन की राजनीति में ज्यादा माहिर नहीं थी. लेकिन अब वह गठबंधन राजनीति के तकाजों और उसकी संवेदनशीलता को समझने लगी है. 

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उन्होंने हालांकि कहा ‘भाजपा हर चुनाव वजूद का सवाल बना कर लड़ती है और इसके लिये किसी भी तरह के उपायों से परहेज नहीं करती. भाजपा किसी भी दल के साथ सहजता से गठबंधन करती है जबकि कांग्रेस अनमने मन से गठजोड़ करती है.’ यादव ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश के चुनावों के बाद देश में आम आदमी की सोच में बदलाव आया है. वरिष्ठ नेता से पूछा गया था कि भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार चुनाव जीत रही है और लोगों का भरोसा उन पर कायम है. यादव ने कहा, चार बड़ी घटनाओं- ‘नोटबंदी, जीएसटी, बिहार में महागठबंधन की टूट और गुजरात में राज्यसभा की एक सीट के लिये मची अफरा तफरी ने आमजन को सोचने पर मजबूर किया है.’ पिछले तीन वर्ष से देश में घूम फिर कर हिंदू-मुसलमान के इर्द गिर्द ही चर्चा होती रही है. लोग अब सोच रहे हैं कि 2014 में क्या इसलिए ही उन्होंने बदलाव किया था. यादव ने कहा, लोगों में यह बेचैनी हिमाचल में भी थी और गुजरात में भी है और यह बेचैनी स्थानीय परिस्थतियों के कारण नहीं बल्कि समूचे देश में आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक तौर पर मची अफरातफरी की वजह से है.

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विपक्ष के पास मोदी के मुकाबले का कोई चेहरा नहीं होने के प्रश्न पर यादव ने कहा कि दुनिया कभी विकल्पहीन नहीं होती. पिछले लोकसभा चुनाव में 67 प्रतिशत मतदाताओं ने भाजपा को नकारा था. इसमें 15 फीसदी अल्पसंख्यक वोट हटा दें तो भी 52 प्रतिशत हिंदू मतदाता भाजपा के विरोध में थे. इसलिये यह कहना गलत होगा कि कांग्रेस अल्पसंख्यक तुष्टीकरण की वजह से हारी थी. उन्होंने कहा, इस गलत धारणा के लिए कि अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की वजह से हिंदुओं ने कांग्रेस को वोट नहीं दिया, कांग्रेस के नेता ए के एंटनी जिम्मेदार हैं, जिन्होंने कथित तौर पर अपनी रिपोर्ट में अल्पसंख्यक तुष्टिकरण को कांग्रेस की हार का एक कारण बताया था. यादव ने कहा कि 2014 में भी हार का मुख्य कारण भाजपा विरोधी मतों का बिखराव था.

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विपक्ष की एकजुटता में अपनी भूमिका का जिक्र करते हुये यादव ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा भाजपा की अगुवाई वाले राजग गठबंधन में शामिल होने के विरोध में अपनी अलग राह बनाकर उन्होंने साझा विरासत बचाओं अभियान शुरु किया है. इसे विपक्ष की एकजुटता का कारगर मंच बताते हुये यादव ने इसके देशव्यापी विस्तार की प्रतिबद्धता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि दिल्ली, मुंबई, इंदौर और जयपुर में साझी विरासत के सम्मेलन की कामयाबी के सिलसिले को गुजरात चुनाव के बाद आगे बढ़ाते हुये इसे छात्रों, किसानों और व्यापारियों से जोड़ा जायेगा.

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