
गुजरात में राहुल गांधी एक छात्रा के साथ फोटो खिंचवाते हुए
- सिर्फ 6 फीसदी वोटों का झुकाव बीजेपी को दे सकता है झटका
- पहली बार कांग्रेस खुलकर जातिगत समीकरणों को साधने में जुटी
- बीजेपी के पास भी अपना एक फॉर्मूला
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...जब सेल्फी लेने के लिए राहुल गांधी की वैन पर चढ़ गई यह लड़की
अब बात करें वोटों की गणित की तो गुजरात में लगभग में 40 फीसदी आबादी ओबीसी की है जो कम से कम 70 सीटों को प्रभावित कर सकते हैं. कांग्रेस को उम्मीद है कि दलित नेता अल्पेश ठाकोर के आ जाने से उसे इस इलाके में फायदा हो सकता है. यह बीजेपी के सामने बड़ी मुश्किल हो सकती है. तो दूसरी ओर ओर शंकर सिंह वाघेला कांग्रेस से अलग हो गए हैं. उनके बारे में कहा जाता है कि पिछली बार कांग्रेस को इनकी वजह से भी फायदा हुआ था. लेकिन इस बार वाघेला ने खुद जन विकल्प पार्टी बनाकर मैदान में हैं. बीजेपी को लगता है कि वाघेला उसके खिलाफ पड़ने वाले वोटों को काट देंगे और इससे फायदा हो सकता है.
अब बात करें कांग्रेस के जीत के फॉर्मूले को तो राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि साल 2002 में भाजपा की वोट हिस्सेदारी कांग्रेस के मुकाबले 10...11 प्रतिशत ज्यादा थी. ऐसे में महज 6 प्रतिशत वोटों के कांग्रेस की तरफ झुकाव से भाजपा को बड़ा झटका लग सकता है और इस झटके को देने के लिए कांग्रेस के पास जातिगत समीकणों के अलावा कोई चारा नहीं है. लेकिन अभी कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती यह है कि अभी गुजरात में पीएम मोदी का तूफानी चुनाव प्रचार होना बाकी है जैसा वह करते आए हैं.
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