
Gujarat Election 2017 : 14 दिसंबर को दूसरे चरण के लिए होगा मतदान
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दभोई में 1962 से कोई पार्टी लगातार नहीं जीती
गुजरात के 36 विधानसभा सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं का भी प्रभाव
बीजेपी के लिए इस बार लड़ाई कठिन
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सिद्धार्थ पटेल पूर्व मुख्यमंत्री चिमनभाई पटेल के पुत्र और कांग्रेस के चुनाव अभियान टीम के प्रमुख हैं. वह इस सीट पर 2007 और 1998 में विजयी रहे थे. दभोई विधानसभा क्षेत्र वड़ोदरा जिले और छोटा उदयपुर लोकसभा क्षेत्र में आता है. यहां पाटीदार मतदाताओं की संख्या 45,854 है. वहीं मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 22,321 है. यहां एसटी के 47,040, बक्शी पंच (ओबीसी) मतदाता 44,026, एसएसी 10,413, राजपूत 9,443 और ब्राह्मण 5,642 हैं.
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माना जाता है कि पाटीदार, एसटी और मुस्लिम मतदाताओं के समर्थन से सिद्धार्थ पटेल मजबूत स्थिति में हैं, क्योंकि अधिकांश एसटी मतदाता वसावा समुदाय के हैं. जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व नेता व भारतीय ट्राइबल पार्टी के नेता छोटूभाई वसावा की यहां अच्छी छवि है और उन्होंने कांग्रेस से हाथ मिला लिया है. भाजपा को यहां ऊंची जातियों के वोट के साथ-साथ 44,000 बक्शी पंच के वोट मिलने का भरोसा है. चूंकि पाटीदार भाजपा से नाराज हैं, इसलिए समुदाय के बड़े हिस्से की ओर से भाजपा को वोट मिलने की उम्मीद कम है.
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कांग्रेस के पक्ष में सामाजिक ताने-बाने को देख चिंतित शैलेश सोट्टा ने प्रथम चरण के मतदान से कुछ दिन पहले एक चुनावी रैली में कहा था -'दाढ़ी और टोपी वाले अपनी आवाज व आखें नहीं चढ़ाएं'. बाद में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में सोट्टा ने यह कहते हुए अपने रुख को दोहराया कि इन 'असामाजिक तत्वों' का अवश्य दमन किया जाना चाहिए.
इनपुट : आईएनएएस
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