
आज तकरीबन हर मां को बच्चे से एक ही शिकायत है कि वह खाना नहीं खाता. सुबह से स्कूल गए बच्चे जब घर लौटते हैं और उनका लंच बॉक्स वैसे का वैसा लौट आता है, तो हर मां को बुरा लगता है. इस बात से नकारा नहीं जा सकता कि सेहतमंद जीवन के लिए बचपन से ही हेल्दी डाइट लेना जरूरी है. आजकल बाजार में उपलब्ध जंक फूड और तली मसालेदार चीजें ही उन्हें अधिक आकर्षित करती हैं. लेकिन इस तरह का आहार आपके बच्चे का सेहत पर बुरा असर डा़लता है. जंक फूड खाने से वो मोटापे के शिकार हो जाते हैं. इस वजह से उन्हें और भी कई बीमारियां घेर लेती हैं.
अगर आप भी इस बात से परेशान हैं कि आपका बच्चा ठीक से आहार नहीं ले रहा है, तो पेश है आपकी इस समस्या का हल...
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क्यों जरूरी है पौष्टिक आहार
शरीर को सेहतमंद रखने के लिए हमारे रोज के खाने में विटामिन, मिनरल, वसा, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की जरूरत होती है. अगर इन में से किसी एक चीज की भी कमी रह जाती है तो हमारे शारीरिक विकास और सेहत के लिए अच्छी बात नहीं, खासकर बच्चों के लिए. 
पौष्टिक और संतुलित भोजन की कमी से बच्चों के शरीर में खून की कमी हो जाती है. कैल्शियम का आभाव होता है. धीरे-धीरे बच्चों में खाना पचाने की दिक्कत भी होने लगती है. उनकी आंखों की रोशनी पर भी कम पोषण मिलने का बुरा असर पड़ता है.
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क्या है हल
इस समस्या का हल क्या है. इस सवाल के जवाब में डॉक्टर नेहा सागर ने बताया कि हमें बच्चों को पौष्टिक भोज न खाने के लिए बढ़ावा देना चाहिए. हमें अपने स्वाद के मुताबिक बच्चों का खाना नहीं बनाना चाहिए. बच्चों का खाना बनाते समय उनके स्वाद और पसंद को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है. कोशिश करें कि उन्हें हर तरह के भोजन का स्वाद पता चले.
बच्चों में परिवार के बड़े सदस्यों के साथ खाना खाने की आदत डा़लें. इससे वे खाने में ना-नुकर कम करेंगे और हर तरह का खाना खाने की आदत भी उनके अंदर आएगी. अगर आपके बच्चे का फल पसंद नहीं हैं, तो उसे मिक्स फ्रूट चाट बना कर दें. कोल्डड्रिंक की बजाय नारियल पानी या फलों का जूस पीने को दें.. 
डाइट चार्ट की जरूरत है!
कई बार माता-पिता बच्चों के लिए डाइट चार्ट बना लेते हैं. यह काफी हद तक ठीक है, लेकिन अगर आपका बच्चा 8 साल से कम उम्र का है तो शायद यह उसके लिए काम न करे... छोटे बच्चे खाने के मामले में बेहद चूजी होते हैं. ऐसे में उनके लिए डाइट चार्ट फॉलो करना बेहद मुश्किल हो जाता है. हो सकता है कि डाइट चार्ट के अनुसार बनी चीज खाने का उनका मन ही न करे किसी दिन. ऐसे में आपकी मेहनत और वह खाना बरबाद होगा. इसलिए बच्चों को सब कुछ खाने का बढ़ाव देना ज्यादा जरूरी है. हां आप यह कर सकते हैं कि आप अपने लिए एक चार्ट बनाएं. जिसमें आप उन चीजों लिस्ट तैयार करें जो आपको अपने बच्चे के चार्ट में एड करने जरूरी लगते हैं. बच्चे को दिन में तीन बार खिलाने की बजाए कम कम मात्रा में 6 से 7 बार खिलाएं. हां, अगर आपके बच्चे को कोई शारीरिक दिक्कत है तो उसके डॉक्टर की सलाह से उसका डाइट चार्ट बनवा लें.
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क्यों जरूरी है पौष्टिक आहार
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पौष्टिक और संतुलित भोजन की कमी से बच्चों के शरीर में खून की कमी हो जाती है. कैल्शियम का आभाव होता है. धीरे-धीरे बच्चों में खाना पचाने की दिक्कत भी होने लगती है. उनकी आंखों की रोशनी पर भी कम पोषण मिलने का बुरा असर पड़ता है.
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क्या है हल
इस समस्या का हल क्या है. इस सवाल के जवाब में डॉक्टर नेहा सागर ने बताया कि हमें बच्चों को पौष्टिक भोज न खाने के लिए बढ़ावा देना चाहिए. हमें अपने स्वाद के मुताबिक बच्चों का खाना नहीं बनाना चाहिए. बच्चों का खाना बनाते समय उनके स्वाद और पसंद को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है. कोशिश करें कि उन्हें हर तरह के भोजन का स्वाद पता चले.
बच्चों में परिवार के बड़े सदस्यों के साथ खाना खाने की आदत डा़लें. इससे वे खाने में ना-नुकर कम करेंगे और हर तरह का खाना खाने की आदत भी उनके अंदर आएगी. अगर आपके बच्चे का फल पसंद नहीं हैं, तो उसे मिक्स फ्रूट चाट बना कर दें. कोल्डड्रिंक की बजाय नारियल पानी या फलों का जूस पीने को दें..

डाइट चार्ट की जरूरत है!
कई बार माता-पिता बच्चों के लिए डाइट चार्ट बना लेते हैं. यह काफी हद तक ठीक है, लेकिन अगर आपका बच्चा 8 साल से कम उम्र का है तो शायद यह उसके लिए काम न करे... छोटे बच्चे खाने के मामले में बेहद चूजी होते हैं. ऐसे में उनके लिए डाइट चार्ट फॉलो करना बेहद मुश्किल हो जाता है. हो सकता है कि डाइट चार्ट के अनुसार बनी चीज खाने का उनका मन ही न करे किसी दिन. ऐसे में आपकी मेहनत और वह खाना बरबाद होगा. इसलिए बच्चों को सब कुछ खाने का बढ़ाव देना ज्यादा जरूरी है. हां आप यह कर सकते हैं कि आप अपने लिए एक चार्ट बनाएं. जिसमें आप उन चीजों लिस्ट तैयार करें जो आपको अपने बच्चे के चार्ट में एड करने जरूरी लगते हैं. बच्चे को दिन में तीन बार खिलाने की बजाए कम कम मात्रा में 6 से 7 बार खिलाएं. हां, अगर आपके बच्चे को कोई शारीरिक दिक्कत है तो उसके डॉक्टर की सलाह से उसका डाइट चार्ट बनवा लें.
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